राजस्थान (Rajasthan Crisis) में चल रही सियासी उठापटक को भाजपा ने कांग्रेस का ‘अंदरूनी मसला’ बताने के साथ-साथ सोमवार को यह भी कहा कि विधायकों की गिनती के लिए सड़क, रेजॉर्ट या होटल नहीं बल्कि विधानसभा उपयुक्त स्थान है. इसी बीच पार्टी के राजस्थान इकाई के प्रमुख ने कहा कि उनके समक्ष ‘सभी विकल्प खुले हैं’. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने राजस्थान के घटनाक्रम पर ‘भाषा’ से बातचीत में कहा कि कांग्रेस का ही एक गुट दावा कर रहा है कि सरकार अल्पमत में है, जबकि दूसरा गुट बहुमत होने का दावा कर रहा है.
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अविनाश राय खन्ना ने कहा कि इनका ही एक गुट कह रहा है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. हमने तो कुछ नहीं कहा. ये इनकी पार्टी का (अंदरूनी) मसला है. वे इसे सुलझाएं. उन्होंने आगे कहा कि सचिन पायलट भाजपा के थोड़े ही हैं. वह कांग्रेस के हैं. कांग्रेस ही कह रही है. कांग्रेस का एक उप मुख्यमंत्री कह रहा है कि गहलोत के पास बहुमत नहीं है. दोनों पक्षों का अपना-अपना दावा है.
भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि जब भी ऐसी परिस्थिति आती है तो ‘उस समय गिनती सड़कों पर तो होती नहीं,...ना ही रेजॉर्ट या होटल में होती है.’ उन्होंने कहा कि बहुमत साबित करने का जो स्थान है, वह विधानसभा है, जिसके लिए विधायक चुन कर आते हैं. भाजपा के ही एक अन्य उपाध्यक्ष और राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले ओम माथुर ने भी मौजूदा घटनाक्रम को कांग्रेस की ‘अंदरूनी लड़ाई’ बताया और कांग्रेस की राज्य सरकार के पास बहुमत होने के उसके दावे पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि ये उनकी अंदरूनी लड़ाई है. कलह है. ये कोई नई बात नहीं हैं. जिस दिन से सरकार बनी है उसी दिन से चल रही है. उस समय चिंगारी के समय किसी ने ध्यान नहीं दिया. वो लावा बनकर अब बाहर निकल रहा है. इनके घर की लड़ाई है. उन्होंने सवाल किया कि अभी कौन सा फ्लोर टेस्ट हो रहा है जो कांग्रेसी संख्या बल दिखा रहे हैं... किसको दिखा रहे हैं?. उन्होंने भी इस बात पर बल दिया कि वास्तविक संख्या बल तो सदन में गिना जाएगा. पार्टी के भावी कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा पहले ‘‘इनकी फूट’’ देखेगी, फिर देखेगी क्या होता है?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी. पायलट इस बैठक में नहीं पहुंचे। इस बैठक में कितने विधायक उपस्थित हुए इस बारे में कांग्रेस की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया. हालांकि, कुछ पार्टी नेताओं का कहना है कि 106 विधायक वहां मौजूद थे. गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपनाये पायलट रविवार शाम यह दावा कर चुके हैं कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और गहलोत सरकार अल्पमत में है. विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस के विधायकों का बसों द्वारा फेयरमॉन्ट होटल में ले जाया गया. इसे इस बात का संकेत माना जा रहा है कि राजस्थान का सियासी घमासान अभी थमा नहीं है.
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कांग्रेस के भीतर चल रहे इस सत्ता संघर्ष पर भाजपा की राजस्थान इकाई ने कहा है कि यहां की कांग्रेस सरकार की अब विदाई हो जानी चाहिए, क्योंकि इसने जनता का विश्वास खो दिया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया से जयपुर में जब उन अटकलों के बारे में पूछा गया कि क्या भाजपा पायलट खेमे का बाहर से समर्थन कर सकती है तो उन्होंने कहा कि ‘हमारे लिए सभी विकल्प खुले हैं.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में कोई भी निर्णय उस समय की परिस्थिति के अनुरूप और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों के आधार पर लिया जाएगा.
पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में युवा नेताओं को हमेशा ‘उपेक्षित और दरकिनार’ किया जाता रहा है. पायलट ने पांच साल तक कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया लेकिन उन्हें उपेक्षित किया गया. उन्होंने कहा कि आज जो कांग्रेस में हो रहा है वह उसकी अंतर्कलह का परिणाम है. पूनिया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है. जनहित में उसे जाना चाहिए. जनता से किए वादों को पूरा करने में यह सरकार विफल रही है. यह पूछे जाने पर कि मौजूदा परिस्थिति में भाजपा का क्या रुख रहेगा, उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए सारे विकल्प खुले हैं. पार्टी आलाकमान के निर्देशों का हम पालन करेंगे... हम उनके निर्देशों का अनुसरण करेंगे.