राजस्थान में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस ने राज्य में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच 'भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र के खिलाफ' शनिवार को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सभी विधायकों को आग्रह किया है कि धरना के दौरान हमें गांधीवादी तरीके से पेश आना है.
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सीएम गहलोत ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल हमारे राजप्रमुख और संविधान के हैड हैं. हम कोई टकराव नहीं चाहते हैं. ऐसा देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल महोदय ने विधानसभा सेशन आहुत करने के लिए मंजूरी न दी है. राज्यपाल महोदय कैबिनेट के निर्णयों से बाउंड होते हैं. लगता है कि ऊपर के दबाव के कारण विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि लोकतंत्र की परंपरा रही है. यहां उल्टी गंगा बह रही है. हमने निवेदन किया है कि कोरोना पर चर्चा करना है. हमारे कुछ साथियों को हरियाणा में बंधक बनाकर रखा है. हम गांधीवादी तरीक़े से बैठे हैं. राज्यपाल का सभी सम्मान करते हैं. उम्मीद है कि वो जल्दी फैसला सुनाएंगे. सीएम की भाषा धमकाने वाली पर उन्होंने कहा कि पहले भैरो सिंह शेखावत ने भी ऐसा ही कहा था. सीएम ने कहा कि शेखावत की तरह हम भी धरने पर बैठे हैं.
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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र के खिलाफ शनिवार सुबह 11 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
यह ट्वीट ऐसे समय में किया गया जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस व उसके समर्थक विधायकों ने यहां राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने राज्यपाल के पास गए थे.