राजस्थान के अल्पसंख्यक मंत्री सालेह मोहम्मद का भगवान शिव मंदिर में पूजा करने पर मुस्लिम धर्म गुरू ने कड़ा विरोध जताया है. देवबंदी उलेमा ने कहा है कि जो अल्लाह के सिवाय किसी दूसरे की पूजा करता है वो इस्लाम से खारिज हो जाता है और उसको अपना निकाह भी दोबारा पढ़वाना चाहिए. साथ ही उसे अल्लाह से तौबा भी करनी चाहिए. उलेमा का कहना है कि साले मोहम्मद जो इस समय राजस्थान के मौजूदा विधायक है लेकिन वो सबसे पहले मुसलमान है. उन्होंने जो मंदिर में जाकर पूजा- अर्चना किया की है क्योंकि दूसरे लोग करते है. मैं उनसे यही कहता हूं कि ऐसे लोगों को तौबा करनी चाहिए. अल्लाह के सिवा जो किसी और को मानते हैं किसी और के सामने पूजा करते हैं शिक्र करते हैं माथा टेकते हैं ऐसे लोग अल्लाह से खारिज हो जाते हैं.
उन्होंने ये भी कहा, 'मैं उन्हें यही सलाह दूंगा कि वो दोबारा कलमा पढ़ें और दोबारा निकाह पढ़ाए क्योंकि ऐसे आदमी का निकाह भी नहीं रहता क्योंकि उनकी बीवी मुसलमान है. उन्होंने ये कुफरिया हरकत की है कुफरिया काम किया है शिक्र की है मंदिर में जा कर पूजा की है तो ऐसे लोग इस्लाम से खारिज हो जाते हैं तो उनको तौबा करनी चाहिए और दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए मैं उनको कलमा पढ़ने की दावत देता हूं और यह विधायक नेता ही नहीं इस तरीके का अमल कोई भी मुसलमान करता है तो वो इस्लाम से खारिज हो जाता है.'
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गौरतलब है कि मंत्री सालेह मोहम्मद ने पोखरण के शिव मंदिर में पूजा-अर्चना किया था. यहां उन्होंने भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया साथ ही बाबा रामदेवरा मंदिर में भी पूजा किया था.
वहीं इस संबंध में केबीनेट मंत्री और मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर के पुत्र सालेह मोहम्मद का कहना है कि भगवान और मंदिरों के प्रति उनकी व उनके परिवार से सदैव आस्था रही है.
बता दें कि सालेह मोहम्मद राजस्थान में अल्पसंख्यक मंत्री है. उन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनाव में पोखरण सीट से बीजेपी प्रत्याशी महंत प्रतापपुरी को मात दिया था.
Source : News Nation Bureau