राजस्थान (Rajasthan) में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. बहन बेटियों के साथ छेड़खानी और रेप की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. लगभग हर रोज राज्य में महिलाओं पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच बढ़ती रेप की घटनाओं पर राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एमएल लाठर का एक गैर-जिम्मेदाराना बयान सामने आया है. पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए डीजीपी एमएल लाठर (DGP ML Lather) ने कहा है कि ऑनलाइन क्लासेज से रेप केस बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना समय में ऑनलाइन क्लासेज दुष्कर्म का कारण बनी हैं.
यह भी पढ़ें : राजस्थान उपचुनाव से बाहर हुई BSP, इस वजह से उम्मीदवार नहीं उतारेगी पार्टी
जयपुर में पत्रकारों ने राजस्थान में रेप की बढ़ती घटनाओं पर सवाल पूछा था, जिसके जवाब में डीजीपी एमएल लाठर ने कहा कि राज्य में घटनाएं बढ़ रही हैं, ये बात सही है. लेकिन जहां तक इंफोर्समेंट का सवाल है, पुलिस तुरंत कार्रवाई कर रही है, चाहे वह गोविंदगढ़ की घटना हो या भीलवाड़ा की घटना हो, अपराधियों को समय रहते गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके साथ जब रेप केस के बढ़ने की वजह डीजीपी से पूछी गई तो उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना बयान. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज से रेप केस बढ़े हैं. कोरोना समय में बढ़ी ऑनलाइन क्लासेज दुष्कर्म का कारण बनी हैं.
देखें : न्यूज नेशन LIVE TV
डीजीपी एमएल लाठर ने कहा, 'मेरा मानना है कि जैसा कि अभी झुंझनू केस में अपराधी को फांसी की सजा हुई है, उसमें यह सामना आया है कि वह बच्चा पोर्न देखता था और नशा करता था. आपको ध्यान होगा कि कोरोना की वजह से अभी बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं. सभी परिजनों को बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज की वजह से फोन देना पड़ा है. संभावना लग रही है कि बच्चे ऑनलाइन क्लासेज के अलावा इस तरह की गतिविधियों को संलिप्त हों.'
यह भी पढ़ें : राजस्थान : पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में शख्स को दी सजा-ए-मौत
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज की वजह से बच्चों के हाथ में स्मार्ट फोन पहुंचा. जिससे आसानी से बच्चों के हाथ में पोर्न वीडियो पहुंच रहे हैं. डीजीपी ने कहा कि कई दुष्कर्म के मामलों में पोर्न देखना और नशा करना दुष्कर्म का कारण बना है. इसके साथ ही डीजीपी एमएल लाठर ने कहा कि परिजनों को बच्चों के व्यवहार पर नजर रखने की जरूरत है.
HIGHLIGHTS
- राजस्थान DGP का गैर-जिम्मेदाराना बयान
- बोले- ऑनलाइन क्लासेज से बढ़े रेप केस
- 'ऑनलाइन क्लासेज से बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन'