Rajasthan Election 2023: देश में इस समय पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान चुनाव के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण राज्य माना जा रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है. बीजेपी जहां राज्य से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने में कोई कसर शेष नहीं रखना चाहती, वहीं कांग्रेस एक बार फिर रिवाइवल चाहती है. हालांकि राजस्थान का इतिहास रहा है कि यहां एक पार्टी लगातार दो साल सत्ता में नहीं रही है. बहरहाल, चुनावी समीकरण की बात करें तो बीजेपी राजस्थान में महिला मतदाओं पर दांव लगाती नजर आ रही है. इससे पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी ने शिवराज सरकार की लाड़ली योजनाओं के बूते सत्ता विरोधी लहर से पार पाने की कोशिश की है. और अब राजस्थान में भी बीजेपी महिला कार्ड खेलने के मूड में है. हालांकि यहां बीजेपी की सबसे कद्दावर नेता वसुंधरा राजे ही मानी जाती हैं.
महिला वोटर का एक्स फैक्टर
राजस्थान में लगभग 50 फीसदी वोटर महिलाएं हैं. हाल के दिनों में महिला वोटरों ने चुनाव को किस तरह प्रभावित किया है वह सभी ने देखा है. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने महिलाओं के लिए लाडली योजनाओं की बदौलत ही डेढ़ दशक की एंटी इनकंबेसी फैक्टर का काउंटर करने की कोशिश की है. ऐसे में राजस्थान में जहां बीजेपी के पास वसुंधरा राजे के रूप में मजबूत महिला चेहरा है और पूर्व में जिनका महिला वोटर से कनेक्ट बेहतर रहा है, इसके सियासी लाभ लेने के लिए उन्हें इग्नोर करने का जोखिम नहीं लेगी.
हर सर्वे में बीजेपी की सबसे कद्दावर चेहरा
साथ ही अब तक आए सर्वे में मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने वसुंधरा राजे भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक लोकप्रिय सीएम चेहरा मानी गयी. हालांकि बीजेपी की तरफ से अभी तक किसी भी तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सर्वे में कहा गया कि वसुंधरा ऐसी राजपूत चेहरा है जिन्हें जाट से लेकर गुर्जर समुदाय का समान समर्थन मिला है. उनके बेटे की शादी गुर्जर परिवार में हुई. ऐसे में वह राजपूत की बेटी, जाट की बहु और गुर्जरों समधन तीनों रूप में वोटर से कनेक्ट कर रही हैं. फिलहाल पूरी स्थिति चुनाव परिणाम आने के बाद ही क्लियर हो पाएगी.
Source : News Nation Bureau