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Rajasthan Election 2023: आखिर क्यों BJP के लिए वसुंधरा की अनदेखी करना है मुश्किल, जानें क्या हैं कारण

Rajasthan Election 2023: 70 साल की वसुंधरा राजे को सियासत का लंबा अनुभव है. साल 1984 में भारतीय जनता युवा मोर्चा से उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी.

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Mohit Saxena
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vasundhara raje

vasundhara raje ( Photo Credit : social media)

Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब हैं लेकिन अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने सीएम चेहरे को सामने नहीं रखा है. बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने कोर कमेटी की बैठक में पार्टी में गुटबाजी को लेकर नाराजगी व्यक्त की. इस बैठक में साफ संकेत दिए गए कि पार्टी विधानसभा चुनाव में सीएम पद के लिए किसी नेता का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं करने वाली है. राजस्थान में भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में जेपी नड्डा और अमित शाह ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मुलाकात की. इस दौरान वसुंधरा समर्थक और सात बार के पूर्व विधायक देवी सिंह भाटी की पार्टी में वापसी हो गई. 

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भाटी का पार्टी में लौटना, जिन्होंने वसुंधार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की मांग की थी. ये दर्शाता है कि पार्टी नेतृत्व ने वसुंधरा से चुनाव बाद कोई वादा किया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि वसुंधरा बैठक के बाद सक्रिय दिखाई दे रही हैं. 

वसुंधरा पर भाजपा निर्भर 

70 साल की वसुंधरा राजे को सियासत का लंबा अनुभव है. साल 1984 में भारतीय जनता युवा मोर्चा से उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. वसुंधरा 1989 में पहली बार लोकसभा पहुंचीं. 2003 तक भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों में अलग-अलग मंत्रालयों का कार्यभार संभाला. साल 2003 के विधानसभा चुनाव से वसुंधरा राजस्थान की राजनीति में लौटीं. बीते 20 साल से सूबे की सियासत में सक्रिय हैं. कनार्टक चुनाव में बीएस येदियुरप्पा जैसे वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पर पार्टी बड़ी हार देख चुकी है. ऐसे में पार्टी राजस्थान में रिस्क लेना नहीं चाहेगी.  

गहलोत के मुकाबले वसुंधरा बड़ा चेहरा

वर्तामान में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के मुकाबले वसुंधरा बड़ा चेहरा हैं. साल 2003 के चुनाव से राजस्थान की सत्ता इन दो चेहरों के आसपास ही रही है. इस समय वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री पद की बड़ी दावेदार हैं. हाल में आए सी वोटर का सर्वे में भाजपा की ओर से सीएम पद के लिए 36 फीसदी लोगों ने वसुंधरा राजे को पहली पंसद बताया. 

संगठन पर अच्छी पकड़ 

वसुंधरा राजे एक जमीनी नेता रही हैं. वे कार्यकर्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय रही हैं. लंबे वक्त से सियासत में सक्रिय वसुंधरा की संगठन पर मजबूत पकड़ रही है. वे एक-एक सीट की नब्ज जानती हैं. 2003 के बाद से भाजपा के अंदर अभी ऐसा कोई नेता नहीं है तो वसुंधरा से ज्यादा लोकप्रिय हो. 

महिला मतदाताओं के बीच लोकप्रिय 

वसुंधरा राजे की सबसे बड़ी ताकत महिला मतदाता हैं. उन्होंने सत्ता में रहते हुए महिलाओं के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की. इसकी वजह से म​हिलाओं में उनके प्रति सहानुभूति है. 

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200 में से 60 पर सीधा इंपैक्ट 

वसुंधरा राजे 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा की 60 सीटों पर सीधा असर रखती हैं. यही वजह है कि पार्टी 2018 में खराब हालात के बीच भी 70 से अधिक सीटें जीतने में भाजपा सफल रही. वसुंधरा राजे सभी सीटों की कमजोर कड़ी को जानती हैं. उन्हें जमीनी स्तर का पता है. 

Source : News Nation Bureau

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