राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा, कांग्रेस राष्ट्रीय अस्मिता को ताक पर रखकर शिक्षा का कांग्रेसीकरण और तुष्टिकरण कर रही है. उन्होंने अकबर को आक्रांता और महाराणा प्रताप को महान बताया. उन्होंने कहा, महाराणा प्रताप को महान नहीं कहना देश का अपमान है. महाराणा प्रताप के साथ दुर्गा दास, वीर सावरकर, सूरजमल, हेमू कालानी के पाठ कोर्स जोड़े गए. इसे भगवाकरण कहना इनका अपमान है. भारतीय शिक्षा के मूल विचार को यूरोप केंद्रित बना दिया गया. इसको भारतीय केंद्रित बनाना जरूरी है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के फोटो हटाने के सरकार के निर्देश पर उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा कांग्रेस को नहीं करना चाहिए.
2009 में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर के पाठ के पन्ने फाड़ दिए गए. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, आखिरकार भगवा से कांग्रेस को इतनी चिढ़ क्यों है. झंडे में एक रंग भगवा है. सूर्य उदय का रंग भगवा है. साधु का वेष भगवा है तो क्या उनको ये प्रणाम करेंगे.
उन्होंने पूछा, क्या शिक्षा के क्षेत्र में 27 से दूसरे स्थान पर आना बोर्ड का परिणाम सुधारना क्या यह शिक्षा का बंटाधार होना है. अध्यापक कहां काम करते हैं, कांग्रेस की सरकार में पता ही नहीं चलता. उन्होंने कहा, 22,000 स्कूलों को बंद करने का आरोप गलत है. हमने एक भी स्कूल को बंद नहीं किया. शिक्षा मंत्री को अच्छी बातें अपनानी चाहिए. उन्होंने कहा, देशभर के राज्यों ने राजस्थान के एजुकेशन मॉडल को अपनाया है. शिक्षक,छात्र, अभिभावक से राय लेकर ही शिक्षा में परिवर्तन करें. कांग्रेस के शिक्षा मंत्री के ड्रेस और साइकिल का कलर बदलने को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा, आखिर उन्हें इनसे आपत्ति क्यों है. जो दल महापुरुषों की महानता पर शक करता हो, राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करने वाली कांग्रेस सरकार को कहां ले जाएगी.
Source : Lal Singh Fauzdar