राजस्थान: 10वीं की किताब में सावरकर को बताया 'पुर्तगाल का पुत्र', निशाने पर गहलोत सरकार

अशोक गहलोत सरकार ने 10वीं कक्षा की समाजिक विज्ञान की किताब में संघ विचारक विनायक दामोदर सावरकर को 'पुर्तगाल का पुत्र' बताया है.

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nitu pandey
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राजस्थान: 10वीं की किताब में सावरकर को बताया 'पुर्तगाल का पुत्र', निशाने पर गहलोत सरकार

vinayak damodar savarkar (File)

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राजस्थान में स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर विवाद शुरू हो गया है. गहलोत सरकार ने 10वीं कक्षा की समाजिक विज्ञान की किताब में संघ विचारक विनायक दामोदर सावरकर को 'पुर्तगाल का पुत्र' बताया है. जिसे लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री ने गहलोत सरकार को घेरा है. राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बयान से प्रेरणा लेनी चाहिए जिसमें उन्होंने सावरकर को साहस और देशभक्ति का प्रतीक, एक देशभक्त क्रांतिकारी और असंख्य लोगों का प्रेरणा पुरुष बताया था. देवनानी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बारे में कई ट्वीट किए हैं.

देवनानी ने ट्वीट में कहा, 'वीर सावरकर के वीर होने पर प्रश्नचिह्न लगाने वाली कांग्रेस सरकार को अपनी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का इतिहास पढ़ना चाहिए. इंदिरा सरकार ने 1970 में उन पर डाक टिकट जारी कर स्वतन्त्रता आंदोलन में उनके योगदान और देशभक्ति की प्रशंसा की थी. वीर सावरकर के मुंबई स्थित स्मारक के लिए इंदिरा गांधी ने अपने व्यक्तिगत खाते से उस वक्त 11 हजार रुपए का सहयोग दिया था.'

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उन्होंने आगे लिखा, 'इंदिरा ने सार्वजनिक तौर पर वीर सावरकर के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को सराहा और फिल्म्स डिविज़न ने सावरकर पर फिल्म भी बनाई थी.' उन्होंने कहा कि महान क्रांतिकारी को ‘पुर्तगाल का पुत्र’ कहना देशभक्त का अपमान है. राज्य सरकार के पास केवल वीर-वीरांगनाओं का अपमान करने और केवल एक परिवार की प्रशंसा करने का एक एजेंडा है.

बता दें कि कांग्रेस सरकार ने राज्य में सत्ता में आने के बाद स्कूली किताबों के पुनरीक्षण के लिए कमिटी का गठन किया है. कमिटी ने हाल ही में सावरकर की लघु आत्मकथा का पुनरीक्षण कर उनके नाम के आगे से 'वीर' शब्द हटाकर विनायक दामोदर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या का षड्यंत्र करने और उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का समर्थक बताया है.

राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि किताबों में बदलाव शिक्षाविदों की विशेषज्ञों की कमिटी की अनुशंसा के आधार पर किया जा रहा है. डोटासरा ने बताया, 'इस बारे में मैं क्या कह सकता हूं, यही कह सकता हूं कि शिक्षा में बदलाव के लिए शिक्षाविदों की विशेषज्ञों की कमिटी ने प्रामाणिकता के आधार पर जो अनुशंसा की है उसी के आधार पर बदलाव किया जा रहा है.'

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स्कूली पाठ्यक्रम के लिए किए जा रहे बदलाव को लेकर न केवल विपक्षी पार्टी ने सरकार को घेरा है बल्कि कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री ने भी अपनी पार्टी के मंत्री को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने के लिए चेतावनी दी है.

Source : News Nation Bureau

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