राजस्थान में गुर्जर समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 5 फीसदी आरक्षण देने के लिए बुधवार को विधेयक पारित हो गया. 5 फीसदी आरक्षण देने के लिए विधानसभा में चर्चा के बाद राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन विधेयक, 2019 पास हो गया. पूरे राज्य में गुर्जर समुदाय पिछले 6 दिनों से आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से मंत्री बीडी कल्ला ने राजस्थान पिछड़ा वर्ग (राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में सीटों और राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों का आरक्षण) संशोधन विधेयक 2019 सदन में पेश किया.
विधेयक के जरिए राज्य में 5 अति पिछड़ी जातियों (1) बंजारा/ बालदिया/लबाना (2) गाडिया लोहार/ गाडोलिया (3) गुर्जर/गुजर (4) राइका/ रैबारी/ देबासी (5) गडरिया/गाडरी/ गायरी को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है. साथ ही, राज्य में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को मौजूदा 21 प्रतिशत से बढाकर 26 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है.
विधेयक पारित होने के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि अगला कदम संविधान में संशोधन लाने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क करना होगा जिससे इसका लागू होना संभव होगा.
विधेयक पर बहस के दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में पहले से ही 50 फीसदी आरक्षण है, जोकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय आरक्षण की अधिकतम सीमा है। उन्होंने कहा कि जब वे सत्ता में थे तो उस समय भी इसी तरह विधेयक पारित हुआ था लेकिन अदालत ने इसकी अनुमति नहीं दी.
इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गुर्जर समुदाय की मांगों को लेकर मंत्री परिषद की बैठक हुई थी.
आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को छठे दिन भी गुर्जर प्रदेश में पटरियों और सड़कों पर जमे रहे. आंदोलन के कारण मंगलवार को हिंडौन से बयाना व भरतपुर के लिए भी सड़क मार्ग बंद हो गया. पिछले 5 दिनों से हिंडौन रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन बंद था.
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कर्नल किरोड़ी सिंह मीणा के नेतृत्व में गुर्जर समुदाय के लोग मलारना और निमोदा रेलवे स्टेशनों के बीच रेल पटरी को लगातार बाधित किए हुए हैं, जिसके कारण मुंबई-दिल्ली मार्ग पर रेल गाड़ियों का संचालन बाधित है.
Source : News Nation Bureau