प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न कारणों से दिवंगत हुए लोगों के परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जा सकें, इसके लिए जाने वाली विशेष बसें निःशुल्क संचालित होंगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने यह मानवीय एवं संवेदनशील निर्णय करते हुए कहा है कि यह अत्यन्त पीड़ादायक है कि अपने परिजनों के निधन के बाद शोकाकुल परिवार उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पाये थे. अब राज्य सरकार के आग्रह पर उत्तराखण्ड सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के आवागमन की सहमति दे दी है. इससे शोक संतप्त परिजन अस्थि विसर्जन स्थलों पर सुगमता पूर्वक जा सकेंगे.
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मुख्यमंत्री निवास पर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में बताया गया कि राजस्थान सरकार के विशेष प्रयासों के बाद उत्तराखण्ड की सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के संचालन की सहमति दे दी है. उत्तर प्रदेश सरकार से सहमति के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. अस्थि विसर्जन के लिए किसी भी परिवार के दो या तीन सदस्य इन विशेष बसों में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे.
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अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बैठक में बताया कि अब राजस्थान से हरिद्वार एवं अन्य अस्थि विसर्जन स्थलों के लिए प्रतिदिन चार या पांच बसें संचालित होंगी. ये बसें शुरू में प्रदेश के सम्भागीय मुख्यालयों से तथा उसके बाद आवश्यकतानुसार जिला मुख्यालयों से संचालित की जाएंगी.
Source : Lal Singh Fauzdar