राजस्थान में आरक्षण के लिए गुज्जर समुदाय का आंदोलन तीसरे दिन रविवार को हिंसक हो गया. धौलपुर के निकट प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गोलियों की आवाजें सुनाई देने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. हालांकि, किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के धौलपुर के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 3 को अवरुद्ध करने की कोशिश के दौरान हस्तक्षेप किया.
नाराज आंदोलनकारियों ने पथराव किया और पुलिस के तीन वाहनों को आग लगा दी. पुलिस कर्मियों की एक टुकड़ी नैनवा के साथ-साथ भीलवाड़ा के पास एनएच 148डी पर तैनात की गई है. इस राजमार्ग को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया था. रेल यातायात मुंबई-दिल्ली मार्ग पर शनिवार को दूसरे दिन बाधित रहा.
गुज्जर आरक्षण संघर्ष समिति (जीएएसएस) ने राज्य में राजमार्गो व मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर यातायात रोककर आंदोलन शुरू किया. वे शैक्षिक संस्थानों व सरकारी नौकरियों में पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
आंदोलनकारियों व सरकार के बीच अबतक वार्ता विफल रही है. राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व आईएएस अधिकारी नीरज के. पवन ने शनिवार को जीएएसएस प्रमुख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से सवाई माधोपुर जिले के मलराना डूंगर के निकट बातचीत के लिए मुलाकात की.
गुज्जरों को कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की श्रेणी में रखा गया है. जम्मू एवं कश्मीर व हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में उन्हें अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है.
Source : News Nation Bureau