Advertisment

राजस्थान : स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण के लिए राज्य में तीन दिवसीय सघन अभियान शुरू

उन्होंने शून्यकाल में इस संबंध में उठाये गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू एच-1 एन-1(H1N1) एक मौसमी बीमारी है, जिसका गत कई वर्षों से राज्य में नवम्बर से फरवरी माह तक प्रकोप रहता है.

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
राजस्थान : स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण के लिए राज्य में तीन दिवसीय सघन अभियान शुरू

राजस्थान में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए 21 जनवरी से 23 जनवरी तक सघन अभियान शुरू किया गया है.

Advertisment

राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.रघु शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए 21 जनवरी से 23 जनवरी तक सघन अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने शून्यकाल में इस संबंध में उठाये गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू एच-1 एन-1(H1N1) एक मौसमी बीमारी है, जिसका गत कई वर्षों से राज्य में नवम्बर से फरवरी माह तक प्रकोप रहता है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा प्रतिदिन स्वाइन फ्लू की माॅनिटरिंग की जा रही है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस मामले में संवेदनशील होकर शीघ्र कार्यवाही करते हुए 29 दिसम्बर 2018 को एक उच्चस्तरीय बैठक ली तथा जोधपुर में इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विशेषज्ञों की दो टीमें वहां भेजी. उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए नियमित रूप से टास्क फोर्स की मीटिंग भी हो रही है.

डाॅ. शर्मा ने सदन मंे बताया कि स्वाइन फ्लू के दो ही उपचार है, एक तो टेमी फ्लू दवाई तथा दूसरा बचाव. उन्होंने बताया कि समाचार पत्र एवं अन्य प्रचार माध्यमों से इस बीमारी के लक्षणों, रोकथाम एवं बचाव का लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान : नगर पालिका की लापरवाही के चलते 12 वर्षीय बालक ने गवाई अपनी जान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 में राज्य भर में स्वाइन फ्लू के 5 हजार 367 सैम्पल की जांच की गई, इसमें से 1 हजार 233 पाॅजिटिव पाये गये. इनमें से 4 प्रतिशत अर्थात् 49 लोगों का निधन हुआ, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने बताया कि सामान्यतः स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति बीमारी के अंतिम चरण में चिकित्सक के पास पहुंचते हैं जिससे संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जाता है तथा पीड़ित की मृत्यु हो जाती है. उन्होंने आह्वान किया कि खांसी, कफ व जकड़न जैसे लक्षणों के पता चलते ही तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लिया जाये. उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू एक लाइलाज बीमारी नहीं है.

Source : News Nation Bureau

rajasthan Swine Flu Health Minister Dr. Raghu Sharma
Advertisment
Advertisment
Advertisment