राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ का एक फैसला सुर्खियों में है. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक 5 साल की बच्ची की कस्टडी उसकी मौसी को दे दिया. जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने पहले बच्ची से पूछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है? बच्ची ने जैसे ही इशारा किया तो जज साहब ने अपना फैसला सुना दिया.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कछवाहा की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मासूम बच्ची लावण्या इच्छा अनुसार अपनी मौसी सुमित्रा राठौर के पास रहेगी. जानकारी के अनुसार, लावण्या के नाना मोहन सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनकी बेटी सुनीता कंवर की शादी हरियाणा के भिवानी निवासी परविंदर से हुई थी.
मोहन सिंह ने याचिका में कहा है कि 27 जनवरी 2020 को सुनीता कंवर की हत्या कर दी गई थी. हत्या के समय मासूम लावण्या अपनी मां के साथ में थी. याचिका में मोहन सिंह ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या परविंदर सिंह ने की है, क्योंकि लावण्या ने कहा था कि उसके पापा ने ही मम्मी को मार दिया. इसके बावजूद भिवानी के अनुसंधान अधिकारी व बाल कल्याण समिति ने 19 मार्च 2020 को मासूम लावण्या की कस्टडी उसके पिता व दादा-दादी को दे दी.
Source : News Nation Bureau