राजस्थान में बसपा के छह विधायकों (6 BSP MLA) के कांग्रेस में शामिल होने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर (BJP MLA Madan Dilawar) की याचिका पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा स्पीकर को तीन महीने में मैरिट के आधार पर इस मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट में बसपा और बीजेपी विधायक (BJP MLA) मदन दिलावर ने याचिका लगाकर विधानसभा अध्यक्ष के 18 सितम्बर 2019 के फैसले को चुनौती दी थी.
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद गेंद फिर स्पीकर के पाले में आ गई है. स्पीकर इससे पहले बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को जायज ठहरा चुके थे. हाल में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बहुमत परीक्षण के दौरान इन विधायकों की अहम भूमिका रही थी. इन्हीं विधायकों की मदद से कांग्रेस की सरकार राज्य में सत्ता बचाने में कामयाब रही.
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ये है पूरा मामला
बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे 6 विधायकों ने 16 सितंबर 2019 को स्पीकर सीपी जोशी के सामने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए एक प्रार्थना पत्र पेश किया. इस प्रार्थना पत्र को स्पीकर ने स्वीकार कर लिया और 18 सितम्बर 2019 को विलय को मंजूरी दे दी. इस विलय को बसपा और भाजपा विधायक मदन दिलवार की ओर से हाईकोर्ट के एकलपीठ के समक्ष चुनौती दी गई.
Source : News Nation Bureau