राजस्थान में हिजाब फिर मुद्दा बन गया. राजस्थान की इस सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा रीट में नकल रोकने के लिए एक तरफ महिला परीक्षार्थियों को दुपट्टे, पायल औऱ लंबी बाहें के कुर्ते यहाँ तक की सुहाग की निशानी मंगलसूत्र और बिछिया तक पहनकर अंदर नहीं जाने दिया, सभी परीक्षा केन्द्रों पर कैंची से लंबी बाहे के कुर्ते काटे गए. लेकिन हिजाब पर रोक नहीं थी. इस पर बीजेपी ने इसे गहलोत सरकार के मुस्लिम तुष्टिकरण का नतीजा बताया. वहीं सरकार की तरफ से सफाई आई की जब हिजाब पर केंद्र सरकार की ओर से ही कोई रोक नहीं, तो फिर राजस्थान सरकार क्यों रोके.
ये जयपुर में रीट परीक्षा केंद्र की तस्वीर है. जहाँ परीक्षा में नकल रोकने के लिए कैंची महिला और पुरुष परीक्षार्थियों के कुर्तों पर चली एक परीक्षार्थी लंबाी बाहें का कुर्ता पहनकर पहुंची तो परीक्षा केंद्र पर कुर्ते की बाहें कैंची से काट दी. इतना ही नहीं एक महिला परीक्षार्थी की पैरों की पायल भी उतरा ली. सुनकर चौंक जायेंगे की नकल रोकने के नाम पर परीक्षा केंद्र पर महिला परीक्षार्थियों को मंगलसूत्र तक पहनकर जाने की इजाजत नहीं थी. सलवार पर लगे बटन तक काटे तो साड़ी पिन से लेकर कंगन तक उतरवा दिया गया. यहाँ तक की दुपट्टे और आभूषण तक उतरवा लिए गए. ज्वैलरी उतारनी पड़ी. यह सब हुवा परीक्षा केंद्रों के बाहर ही जहाँ पुलिस के जवान हाथ में कैंची लिए खड़े नजर आए.
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बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति की
इन सबके बीच परीक्षा केंद्रों पर हिजाब पहनकर जाने पर रोक नहीं थी. चितौड़गढ़ के अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने तो साफ कहा कि नकल रोकने के लिए हिजाब पहनने पर रोक की कोई गाईड लाईन नहीं है. वैसे 17 जून को भी नीट परीक्षा में छात्राएं कोटा में हिजाब पहनकर परीक्षा देने पहुंची थी, तब पहले छात्राओं को रोका फिर हिजाब पहनकर परीक्षा देने जाने दिया गया था. हिंदुवादी संगठनों और बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति की, आरोप लगाया कि ये मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदुओं का अपमान है.
वहीं राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सफाई दी कि हिजाब पर केंद्र सरकार की ओऱ से अभी कोई रोक नहीं है, इसलिए राजस्थान सरकार को किसी को नहीं रोक रही. कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद राजस्थान में तब कई स्कूलों कॉलेजों में हिजाब को लेकर विवाद हुआ था. तब सरकार ने ये कहकर फैसला लेने से इंकार कर दिया कि हिजाब पर कोर्ट के फैसले को सरकार मानेगी. हिजाब पहनने का इजाजात देना या न देने का फैसला राज्यों को ही करना था. भले ही गहलोत के केबिनेट मंत्री हिजाब बनाम मंगलसूत्र को लेकर केंद्र पर ही निशाना साध रहे हो, लेकिन कटघरे में खड़ी गहलोत सरकार को जवाब देना पड़ेगा तो धर्म के आधार पर ऐसा भेदभाव क्यों ?
HIGHLIGHTS
- दुपट्टे और आभूषण तक उतरवा लिए गए
- नकल रोकने के लिए कैंची महिला और पुरुष परीक्षार्थियों के कुर्तों पर चली
- हिंदुवादी संगठनों और बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति की