राजस्थान के कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल में शनिवार को एक और 7 माह के बच्चे समेत उसकी मां की भी मौत हो गई, जिसके बाद मासूम की मौत का आंकड़ा बढ़कर 110 हो गया है. बताया जा रहा है कि जिस बच्चे की मौत हुई है उसे 2 जनवरी को बारां के हॉस्पिटल से कोटे के जेके लोन में रेफर किया गया था. परिजनों के मुताबिक, 'बच्चे सहित मां को भी जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.' आरोप है कि महिला को बारां के सरकारी हॉस्पिटल में गलत खून चढ़ा दिया गया था. इसके बाद बच्चे समेत मां को जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
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मिली जानकारी के अनुसार, 'जेके लोन हॉस्पिटल प्रशासन को गलत खून चढ़ाए जाने की सूचना थी लेकनि फिर भी मृतक महिला के इलाज में लापरवाही बरती गई.' इस मामले में चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने हॉस्पिटल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है.
लोकसभा अध्यक्ष और क्षेत्रीय सांसद ओम बिड़ला ने शनिवार को कोटा जेकेलोन अस्पताल का दौरा कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।. उन्होंने यहां भर्ती बच्चों के परिजनों से भी मुलाकात की.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर में जेके लोन से भी ज्यादा बच्चों की मौत हुई है. यहां एक महीने के अंदर 146 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस महीने 4689 बच्चे जन्म लिए थे, जिनमें से 146 बच्चों की मौत हो गई. वहीं बीकानेर के हॉस्पिटल में दिसंबर में 162 बच्चों ने दम तोड़ दिया. इन आंकड़ों का मतलब यह है कि हर दिन पांच से ज्यादा बच्चों की मौत हो रही है.
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गौरतलब है कि इधर, एनएचआरसी,दिसंबर, 2019 के महीने में राजस्थान के कोटा जिले के एक सरकारी अस्पताल में 100 से अधिक बच्चों की मौत के बारे में मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया है. एनएचआरसी ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए नोटिस जारी किया है. एनएचआरसी ने सरकार को इसके लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है. आयोग ने कहा कि नोटिस यह सुनिश्चित करने के लिये भेजा गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.
Source : News Nation Bureau