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सैकड़ों लोंगों के ATM कार्ड क्लोन कर करोड़ों रुपये की चपत करने वाले तीन बदमाश गिरफ्तार

लगातार बढ़ रही साईबर ठगी की वारदातों को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक बीकानेर ने साईबर सेल की टीम का गठन किया गया.

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Akanksha Tiwari
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सैकड़ों लोंगों के ATM कार्ड क्लोन कर करोड़ों रुपये की चपत करने वाले तीन बदमाश गिरफ्तार

ATM कार्ड क्लोनिंग गिरोह का पर्दाफाश, कई राज्यों में की ठगी

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जयपुर : बीकानेर जिला पुलिस ने अर्न्तराज्यीय ए.टी.एम. कार्ड क्लोनिंग गिरोह का पर्दाफाश कर राज्य में सैकड़ों लोंगों के कार्ड क्लोन कर करोड़ों की अवैध निकासी करने वाले तीन आरोपियों को दिल्ली व बिहार से गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. 19 जनवरी को अमरचंद पुत्र श्री खिंयाराम निवासी नापासर ने थाना पर रिपोर्ट दी कि मैं रोड़वेज बीकानेर बस डिपो में नौकरी करता हुं. 3 जनवरी को रूपये निकालने के लिये गया था. मैनें 20000 रूपये निकालने के लिए एटीएम मशीन में ऑपसन भरा तो रूपये मशीन से नहीं निकले. 5 जनवरी को प्रातः 8 बजे मेरे मोबाईल पर 40000 रूपये तीन बार तथा 20000 रूपये एक बार एटीएम से निकलने का मैसेज आया. ये रूपये मैसेज के अनुसार पहाड़ गंज दिल्ली से निकाले गये थे.

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मैंने तुरन्त बैंक के टोलफ्री नम्बर पर कॉल करके मेरा ए.टी.एम. कार्ड बंद करवाया. लगातार बढ़ रही साईबर ठगी की वारदातों को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक बीकानेर ने साईबर सेल की टीम का गठन किया गया. एटीएम कार्ड क्लोनिंग गिरोह के मुख्य सरगना संतोष यादव निवासी वजीरगंज गया (बिहार) व भरत निवासी सिरदला नवादा बिहार है. जिन्होंने ने पिछले सात-आठ माह से राजस्थान में लगातार हर माह इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिया दोनों ही अभियुक्त अपने सहयोगि अभियुक्त नदीम निवासी बलजीत नगर दिल्ली व कमलेश निवासी महुआ घाट नवादा बिहार व मुकेश निवासी तरवां वजीरगंज गया बिहार के सहयोग से पीड़ितों की मदद करने के बहाने से ए.टी.एम. कार्ड अपने हाथ में ले लेते है, तथा दुसरे हाथ में रखी पोर्टेबल स्कीमिंग डिवाइश से ए.टी.एम कार्ड का डाटा स्कैन कर लेते है.

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तथा कार्ड वापिस पीड़ित को दे दिया जाता है. उसके बाद आरोपियों द्वारा अपने पास मौजूद एक यू.एस.बी हार्डवेयर जिसमें स्कैन किया हुआ डाटा रीड कर ब्लेंक ए.टी.एम कार्ड में सेव करने का सोफ्टवेयर मौजूद रहता है, को अपने पास स्थित लेपटौप से जोड़कर नया ए.टी.एम. कार्ड बना लिया जाता है. और किसी दुसरी जगह पर जाकर उस ए.टी.एम. से कैश विड्रोल कर लिया जाता है. अपराधियों पर पूर्व में भी ए.टी.एम. हैक करके व ए.टी.एम. कार्ड बदल कर अवैध निकासी करने के कई मुकदमें राजस्थान के थानों में दर्ज हैं. तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि आरोपियों की प्रत्येक माह की शुरूआती दिनों में राजस्थान के भरतपुर, दौसा, करौली, टोंक ,अजमेर, भीलवाड़ा, चितौडगढ, राजसमंद, पाली, नागौर, जैसलमेर तथा बीकानेर से सीकर झून्झूनूं होते हुए दिल्ली जाने की बात सामने आई. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

Source : News Nation Bureau

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