कोरोना के गंभीर रोगियों के इलाज के लिए अब राजस्थान में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज होगा. जयपुर के SMS अस्पताल को इसके लिए इजाजत मिल गई है. दरअसल जयपुर में अब कोरोना का दायरा दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है. शहर की 20 से ज़्यादा बाहरी कॉलोनी में वायरस पहुंच चुका है. 35 थाना क्षेत्रों की 83 कॉलोनियों में कर्फ्यू लगा हुआ है. सब्जी, दूध किराना जैसी आवश्यक सेवा वाले 7 लोग संक्रमित पाए गए हैं.। आधे से ज़्यादा शहर इस समय संक्रमित जोन में है. ऐसे में अब SMS अस्पताल को कोरोना संक्रमित गंभीर रोगियों का इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है. ICMR की मंजूरी के बाद आज से ही इस थेरेपी से इलाज शुरू किया जा सकेगा.
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बता दें, इससे पहले दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल कर कुछ मरीजों का इलाज किया गया जिसके नतीजे सकारात्मक निकले. दिल्ली सरकार का दावा है कि प्लाज्मा थेरेपी से किए गए इलाज के नतीजे सकारात्मक आ रहे है वहीं महाराष्ट्र में प्लाज्मा से पहले शख्स की मौत की खबर है.
जानकारी के मुताबिक मुंबई के लीलावती अस्पताल में 53 साल के एक शख्स को कोरोना संक्रमण की शिकायत पर भर्ती कराया गया था. इसके इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का सहारा लिया गया. यह महाराष्ट्र का पहला ऐसा कोरोना संक्रमित केस था जिसका इलाज प्लाज्मा थेरेपी से किया जा रहा था. अस्पताल के सीईओ डॉक्टर रविशंकर ने बताया कि इलाज के दौरान मरीज की 29 अप्रैल को मौत हो गई.
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अस्पताल सूत्रों के मुताबिक मरीज की हालत काफी नाजुक थी. उसे आईसीयू में रखा गया था और उसका इलाज करने की कोशिश की जा रही थी. इलाज में देरी के कारण उन्हें सांस लेने में गंभीर समस्या थी. उन्होंने एक्यूट रेस्पीरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम और निमोनिया हो गया था. डॉक्टरों ने प्लाज्मा थेरेपी के जरिए भी इलाज करने की कोशिश की, जो असफल साबित हुई.