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जानें क्या है NEET पेपर लीक का झालावाड़ कनेक्शन, 10 छात्र गिरफ्तार

NEET Paper Leak Case: NEET पेपर लीक मामले के तार अब झालावाड़ से भी जुड़ गए हैं. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के 10 छात्रों को दिल्ली-मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

Updated on: 28 Jun 2024, 02:29 PM

highlights

  • जानें क्या है NEET पेपर लीक का झालावाड़ कनेक्शन
  • 15 लाख के बदले डमी कैंडिडेट बन दिया एग्जाम
  • दिल्ली-मुंबई पुलिस ने 10 स्टूडेंट्स को किया गिरफ्तार

New Delhi:

NEET paper leak case: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित नीट पेपर लीक मामले में राजस्थान के झालावाड़ मेडिकल कॉलेज का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है. दिल्ली और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के 10 छात्रों को गिरफ्तार किया है, जिन पर डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने का गंभीर आरोप है. इस मामले ने मेडिकल शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुभाष चंद्र जैन ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ दिन पहले दिल्ली और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने कॉलेज का दौरा किया था. नीट पेपर लीक मामले में कॉलेज के 10 एमबीबीएस छात्रों के नाम सामने आए थे, जिनमें से 8 छात्रों को जमानत मिल चुकी है, जबकि 2 छात्र अभी भी पुलिस की कस्टडी में हैं.

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डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने का आरोप

वहीं इस मामले में शामिल छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने दूसरे छात्रों की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देकर लाखों रुपये वसूले थे. सूत्रों के अनुसार, इन छात्रों ने 15 लाख रुपये लेकर डमी कैंडिडेट के रूप में नीट परीक्षा दी थी. इस मामले में कुछ छात्राओं के भी शामिल होने की बात सामने आई है. यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान के किसी मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा इस प्रकार का फर्जीवाड़ा किया गया हो.

कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस मामले पर लंबे समय तक चुप्पी साधे रखी और कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की. मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों द्वारा इस मामले को छुपाने की कोशिश की गई, जिससे यह सवाल उठता है कि कॉलेज प्रशासन इस फर्जीवाड़े के प्रति कितना सचेत और जिम्मेदार है.

देशभर में फर्जीवाड़े की घटनाएं

नीट यूजी परीक्षा में फर्जीवाड़े को लेकर देशभर में कई जगहों पर मामले दर्ज किए गए हैं. विभिन्न राज्यों में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. नीट पेपर लीक और डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने के मामले ने मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

नीट परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल

आपको बता दें कि इस प्रकार की घटनाओं से नीट परीक्षा की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठते हैं. विद्यार्थियों और अभिभावकों का विश्वास परीक्षा प्रणाली पर से उठता जा रहा है. यह आवश्यक है कि संबंधित संस्थाएं और प्रशासन इस मामले की गहन जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.