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राजस्थान: कोटा में नहीं थम रहा नवजातों की मौत का सिलसिला, मरने वालों की संख्या पहुंची 104

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में नवजात शिशुओं की मौत (newborn deaths) का सिलसिला नहीं थम रहा है.

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Deepak Pandey
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राजस्थान: कोटा में नहीं थम रहा नवजातों की मौत का सिलसिला, मरने वालों की संख्या पहुंची 104

कोटा में नहीं थम रहा नवजात की मौत का सिलसिला( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में नवजात शिशुओं की मौत (newborn deaths) का सिलसिला नहीं थम रहा है. यहां पर 48 घंटे में 13 और बच्चों की मौत हो गई है. इसके बाद यह आंकड़ा 104 पहुंच गया है. बता दें कि कोटा के जेके लॉन अस्पताल में दिसंबर माह में 963 मासूमों की मौत हो चुकी है. आखिर इन मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन है.

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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षों की तुलना में राज्य में शिशुओं की मृत्यु की संख्या अब कमी आई है. चिकित्सा व्यवस्था बेहतरीन है. फिर भी, हम शिशु मृत्यु दर (IMR) और मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) को कम करने के प्रयास कर रहे हैं. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है.

कोटा का जेके लाल हॉस्पिटल मासूमों की कब्रगाह बन गया है. मां की कोख सूनी होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक दिसंबर से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला दो जनवरी तक भी जारी है और आंकड़ा 104 तक पहुंच गया है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर इन मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन है. एक ओर जहां मासूमों की मौत पर सियासी बयानबाजी हो रही है तो वहीं न्यूज नेशन जेकेलोन हॉस्पिटल में जाकर ग्राउंड रियलिटी रिपोर्ट के आधार पर जाना कि मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन है.

मां के आंसू सिस्टम से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर मेरे जिगर के टुकड़े की मौत का जिम्मेदार कौन है. इन सभी सवालों के जवाब के लिए जैसे ही हमारी टीम जेके लोन हॉस्पिटल कोटा के बाहर पहुंची तो हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजनों ने हमें घेर लिया. मरीजों ने हॉस्पिटल की अव्यवस्थाओं लापरवाही की तस्वीर बताई कि किस कदर स्टॉप व्यवहार करता है यहां तक कि मरीजों की आंखें भी नम हो गईं.

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जेकेलोन हॉस्पिटल में जैसे हम शिशु वार्ड की ओर मुड़े वहां बच्चा वार्ड के हालात देखकर हैरान रह गए. आलम यह है कि बेड टूटे हुए हैं, खिड़कियां नहीं हैं, प्लास्टर झड़ रहा है और वार्ड के बाहर गंदगी का अंबार है. वार्ड को देखकर लग रहा था कि यह अस्पताल मासूमों की जिंदगी नहीं दे रहा है बल्कि मौत बांट रहा है. जेके लॉन हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड की हालत भी बेहद खराब है. यहां एक बेड पर दो-दो बच्चे भर्ती हैं. बच्चों के पास न गद्दे हैं, न पलंग, न कंबल.

खुद बीमारी की हालत में जूझ रहे अस्पताल के हालात

20 वेंटिलेटर
11 खराब, 9 सही

71 वार्मर-
44 खराब, 27 सही

28 निमूलाइजर-
22 खराब, 6 सही

एनआईसीयू
15 वार्मर - 7 वार्मर खराब

कोटा के जेके लॉन हॉस्पिटल में मासूमों की मौत का सिलसिला

2014 में 1198
2015 में 1260
2016 में 1193
2017 में 1027
2018 में 1005
2019 में 100 मासूमों की

Source : अजय कुमार शर्मा

rajasthan Kota Hospital Newborn Death
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