राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों के मरने का सिलसिला नहीं थम रहा है. यहां पर 48 घंटे में 9 और बच्चों की मौत हो गई है. इसके बाद यह आंकड़ा 100 के पास हो गया है. अफसरों का कहना है कि जेके लोन अस्पताल में पिछले दो दिन में 9 और बच्चों की मौत हुई है. इसके बाद अब तक 100 बच्चों की मौत हो चुकी है. 23-24 दिसंबर कोसरकारी अस्पताल में 48 घंटे की अवधि के दौरान 10 बच्चों की मौत के बाद राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है.
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राजस्थान के कोटा स्थित जेके लॉन अस्पताल के डॉ. अमृता लाल ने कहा कि विभिन्न कारणों से पिछले दिनों में 8 नवजातों की मौत हो गई है. दिसंबर में अबतक 100 नवजातों की जानें चली गई हैं. राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में नवजातों की हुईं मौतों को लेकर राजनीति शुरू है. इस मामले की जांच के लिए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को चार सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल नियुक्त किया है. इसी क्रम में कोटा के सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने रविवार को अस्पताल का निरीक्षण किया और वहां के उपकरणों को चेक किया था.
Rajasthan: 8 newborns have lost their lives at J.K. Lon Hospital in Kota in the last two days. Dr Amrit Lal, HOD, Pediatrics Department says, "8 newborns have died due to various reasons in the last two days. There have been 100 deaths in the month of December". pic.twitter.com/jEt2G0o9qL
— ANI (@ANI) January 1, 2020
जेके लॉन अस्पताल का दौरा करने के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा था कि हमने आज कोटा के उस अस्पताल का दौरा किया, जहां नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी है. हॉस्पिटल में कई उपकरण खराब हैं. मैंने लिखित में उपकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए कहा है. इसे 15 दिनों में उपलब्ध कराया जाएगा.
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इससे पहले कोटा के एमपी ओम बिड़ला (kota MP Om Birla) ने कहा था कि कोटा के एक मातृ एवं शिशु अस्पताल में पिछले 48 घंटे में 10 नवजात शिशुओं की असामयिक मौत का मामला चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के मामले में राजस्थान सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. अस्पताल के अफसरों के अनुसार, 23 दिसंबर को छह बच्चों की मौत हुई, जबकि 24 दिसंबर को चार बच्चों ने दम तोड़ा था.
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शर्मिंदा करने वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि पिछले छह साल में इस साल सबसे कम बच्चों की मौत हुई है. यहां तक की 1 बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन पिछले सालों में 1500 और 1300 बच्चों मौतें हुई थीं. इस साल यह आंकड़ा 900 है. राज्य और देश में हर अस्पताल में हर रोज कुछ मौतें होती हैं, कुछ भी नया नहीं होता. कार्रवाई की जा रही है.
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