राजस्थान में डीडवाना में एक संत की हत्या का मामला सामने आया है. बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर संत को मौत के घाट उतार दिया. सोमवार सुबह ग्रामीण आश्रम में पहुंचे. वहां आश्रम के कमरे की फर्श पर लहुलूहान हालत में संत का शव पड़ा हुआ देखा. संत के हाथ, पैर रस्सी से बंधे हुए मिले .वहीं मुंह और आंखों पर भी पट्टी थी. इसके बाद लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया. पुलिस ने बताया कि यह घटना डीडवाना कुचामन जिले के रसाल गांव की है.
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संत महाराज मोहन दास रसाल गांव में हरिराम बाबा बगीची में आश्रम में रहकर पिछले 14 साल से सेवा कर रहे थे. यहां पर बीती रात अज्ञात बदमाशों ने आश्रम में रहने वाले संत महाराज मोहन दास की हत्या कर दी है. सुबह जब लोग संत के आश्रम में पहुंचे तो उन्होंने फर्श पर संत की बॉडी देखी. संत के हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए मिले. वहीं मुंह और आंखों पर भी पट्टी थी.
वहीं इस पूरे मामले में राजस्थान पुलिस के एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने कहा है कि इस ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस की स्थानीय टीम एसपी के नेतृत्व में तेजी से जांच कर रहीं है.
इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो चुका है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि कुचामन के रसाल गांव स्थित हरिराम बाबा बगीची के संत मोहनदास जी महाराज की निर्मम हत्या कर दी गई है. पिछले साढ़े चार वर्षों में संत समाज पर लगातार हमले कांग्रेस सरकार की निकृष्ट नीति का परिणाम है. साधु-संतों की हत्या का ये पाप गहलोत सरकार के सिर पर है.
Source : News Nation Bureau