राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच नेताओं का फोन टैप करने का मामला गर्माता जा रहा है. बीजेपी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला है. उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर ट्विट करते हुए लिखा, 'जैसाकि विदित है कि राजस्थान के सीएम गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है.'
उन्होंने ये भी कहा, 'इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.'
वहीं दूसरी तरफ बीच बीजेपी के एक विधायक ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायकों कांग्रेस में विलय के विरुद्ध अपील के संबंध में विधानसभी अध्यक्ष को पत्र लिखा हैं. बता दें कि बीजेपी के रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने 13 मार्च 2020 को विधानसभा अध्यक्ष को यह पत्र लिखा था, जिसमें 18 सितम्बर 2019 को BSP के 6 विधायकों का कांग्रेस में हुए विलय के विरुद्ध अपील की गई थी. लेकिन इस अपील पर अब तक कोई भी निर्णय लिया गया है. इसके संबंध में दिलावर ने स्पीकर को एक बार फिर अवगत करवाते हुए इसी सप्ताह उनके द्वारा की गई अपील का निस्तारण कर निर्णय सुनाऐ जाने के लिए पत्र लिखा है.
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गौरतलब है कि सरकार गिराने-बचाने की कवायद के बाद राजस्थान की सियासत में टेप कांड को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. कांग्रेस ने दो ऑडियो टेप जारी कर आरोप लगाए हैं कि इसमें सचिन पायलट के करीबी विधायक भंवरलाल शर्मा से बातचीत है. आरोप में यह भी कहा गया है कि बीजेपी सचिन पायलट खेमे के विधायकों के साथ मिलकर साजिश रच रही है. इसे देखते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. बयानों में महेश जोशी ने कहा कि विधायक भंवरलाल शर्मा की आवाज को वे पहचानते हैं. एसीबी मुख्यालय में पीसी एक्ट के तहत यह मामला दर्ज किया गया है.
Source : News Nation Bureau