राजस्थान में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अशोक गहलोत मैदान में क्या उतर रहे हैं, मानों राजस्थान का सियासी मैदान एकदम खुला छूट गया हो. सचिन पायलट अगले मुख्यमंत्री बनने की राह में कभी आगे दिखते हैं, तो कभी एक दम पीछे चले जाते हैं. अब अशोक गहलोत के खेमे के 82 विधायकों ने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिये हैं. उन्होंने अपनी मांगे भी कांग्रेस हाई कमान तक पहुंचा दी है. ये मांगे सचिन पायलट के लिए मुश्किल खड़ी करने वाले हैं. वहीं, कांग्रेस हाई कमान के भी माथे पर पसीने की बूंदे दिखने लगी हैं.
अशोक गहलोत के साथी बगावत पर उतरे!
जानकारी के मुताबिक, अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खडगे से साफ कह दिया है कि जिन 102 विधायकों ने पिछली बार सरकार बचाई थी, उनमें से ही किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाए. हमने जिस व्यक्ति से ये सरकार बचाई थी, उसे मुख्यमंत्री के तौर पर कैसे स्वीकार कर लेंगे. विधायक खाचरियावास ने साफ कह दिया है कि सचिन पायलट को कोई स्वीकार नहीं करेगा. इस बीच अशोक गहलोत खेमे ने जो तीन मांगें रखी हैं, वो इस तरह से हैं...
- 19 अक्टूबर तक सीएम पद के चेहरे को चुनने की जल्दी न हो
- कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव के बाद ही हो यहां कोई फैसला
- सचिन पायलट मंजूर नहीं, हमारे 102 विधायकों में से कोई बने अगला मुख्यमंत्री
इस बीच कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया है. कांग्रेस का नेतृत्व राजस्थान में सियासी नूरा-कुश्ती देख कर हैरान है. कभी विधायक यहां बैठक कर रहे हैं, तो कभी वहां. जबकि रविवार की शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर बैठक होने वाली थी. उसकी जगह विधायकों ने अलग-अलग जगह मुलाकातें की है.
HIGHLIGHTS
- गहलोत समर्थकों ने रखी तीन शर्त
- पायलट किसी भी हाल में मंजूर नहीं
- 19 अक्टूबर के बाद हो सीएम पद पर फैसला