राजस्थान का सियासी संकट (Rajasthan Political Crisis) विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले और रोचक होता जा रहा है. कांग्रेस (Congress) विधायकों की बाड़ेबंदी के बीच विधायकों संग बैठक करने पहुंचे सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) 'लड़ाई' जीतने का दावा कर रहे हैं. यह अलग बात है कि संकट के बादल उनके सिर से टले नहीं हैं. गणित के आधार पर देखें तो ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है. हालांकि विधायक दल की बैठक में एक अप्रत्याशित मांग पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को लेकर देखने में आई. कुछ विधायकों ने पायलट खेमे पर कार्रवाई की मांग कर डाली. इससे लगता है कि कांग्रेस में वापसी के पायलट के रास्ते बंद हो चुके हैं.
यह भी पढ़ेंः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज से करेंगे ‘आत्मनिर्भर भारत सप्ताह’ की शुरुआत
गहलोत ने विधायकों से एकजुटता दिखाने को कहा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को विधायकों से विधानसभा में भी ऐसी एकजुटता दिखाने को कहा है जैसी की अब तक उन्होंने दिखाई है. जैसलमेर के रिसॉर्ट में कांग्रेस विधायक दल और समर्थक दलों की बैठक को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, ‘हम सब लोकतंत्र के योद्धा हैं. यह लड़ाई हम जीतने जा रहे हैं और साढ़े तीन साल के बाद चुनाव में भी जीतेंगे.' उन्होंने विधायकों से कहा कि जिस तरह की एकजुटता अब तक दिखाई है उसी तरह की एकजुटता आपको सदन में भी दिखानी है. उन्होंने विधायकों से सदन में तैयारी के साथ जाने को कहा है.
यह भी पढ़ेंः देश समाचार ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु खामेनेई ने हिंदी में शुरू किया ट्विटर अकाउंट, जानें क्यों
बागी विधायकों के खिलाफ उठी आवाज
जानकारी के मुताबिक, जैसलमेर में हुई विधायक दल की बैठक में विधायकों ने सचिन पायलट खेमे में शामिल बागी विधायकों पर कार्रवाई की मांग की है. कहा ये भी जा रहा कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से अब पार्टी हाईकमान के सामने बागी विधायकों को लेकर कोई चर्चा या वापसी को लेकर किसी भी तरह की बातचीत नहीं की जाएगी. अब बागी गुट पर ही फैसला लेने के लिए छोड़ दिया गया है. इसी के साथ सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या पायलट गुट के वापसी के रास्ते बंद हो गए हैं? बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी बैठक में मौजूद थे.