कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने आज हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी (BJP) ज्वाइन कर ली. यूपी चुनाव से पहले जितिन प्रसाद का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. वहीं बीजेपी की इससे ताकत और बढ़ जाएगी. उधर राजस्थान में एक बार फिर से अशोक गहलोत सरकार (Gehlot Government) पर संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान को अल्टीमेटम दिया है कि या तो जुलाई तक मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने का वादा पूरा करो, नहीं तो वे आगे निर्णय लेने में स्वतंत्र हैं.
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सचिन पायलट का ये बयान एक बार फिर से उनके बागी होने का संकेत दे रहा है. पायलट ने कहा है कि 10 महीने बीत जाने के बाद भी पार्टी के लिए खून पसीना बहाने वाले कार्यकर्ताओं को उनका हक नहीं मिल रहा है. राजस्थान में पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आने पर कांग्रेस में एक बार फिर विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं. पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं होने पर नाराजगी जताई है.
पायलट ने कहा कि 'मुझे कहा गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी, लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए रात-दिन मेहनत की और अपना सब कुछ लगा दिया, उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है.' कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेन्द्र सिंह ने भी सचिन पायलट का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि पार्टी हाईकमान ने पायलट से जो वादे किए थे वो पूरे करने चाहिए, ताकि पायलट अपने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट कर सकें.
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जानकारी के मुताबिक पायलट खेमा एक बार फिर से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात करने वाला है. जानकारी के मुताबिक दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर होने वाली प्रार्थना सभा में सचिन पायलट समर्थक विधायक इकट्ठा शक्ति प्रदर्शन करेंगे. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गहलोत सरकार ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात से सटे बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है. कभी भी बॉर्डर सील हो सकता है.
राजनीति के पंडितों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने यदि इस विषय पर गंभीरता से विचार नहीं किया और कोई ठोस फैसला नहीं लिया तो जितिन प्रसाद की तरह सचिन पायलट भी पार्टी को झटका दे सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार गहलोत कैंप के कुछ विधायक भी पायलट के संपर्क में है. इसके अलावा निर्दलीय विधायकों को भी अपनी ओर साधने की कोशिश की जा रही है. मौका मिलते ही वे ही पाला बदल सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- गहलोत सरकार पर फिर छाए संकट के बादल
- सचिन पायलट ने दिया कांग्रेस को अल्टीमेटम
- सील हो सकते हैं राजस्थान के बॉर्डर