राजस्थान में जारी सियासी घमासान अभी भी पूरी तरीके से शांत नहीं हुआ है. हालांकि सीएम अशोक गहलोत इस लड़ाई में अब नरम पड़ते नजर आ रहे हैं. दरअसल एसओजी ने खरीद-फरोख्त मामले में सचिन पायलट और बागी विधायकों के खिलाफ लगाई गई राजद्रोह की धारा 124 A हटा ली है. ये वही धारा है जिसकी वजह से पायलट बागी हो गए. SOG की ओर से अधिवक्ता संत कुमार जैन ने कहा कि इस मामले में दर्ज एफआईआर में राजद्रोह की धारा नहीं बनता. इसलिए ये फैसला लिया गया है.
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बता दें, गहलोत सरकार ने राजद्रोह के तहत ही पायलट और बागी विधायकों को नोटिस दिया था. वहीं दूसरी अब सीएम गहलोत भी इस पूरे मामले में नरम पड़ते नजर आ रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान बागियों को माफ कर देते हैं तो वे भी उन्हें गले लगा लेंगे. उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयासों का जिक्र करते हुए गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘दुर्भाग्य से इस बार बीजेपी का निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त का खेल बहुत बड़ा है क्योंकि खून उनके मुंह लग चुका है . कर्नाटक और मध्य प्रदेश में ... इसलिए वो प्रयोग बीजेपी वाले यहां कर रहे हैं ... पूरा गृह मंत्रालय इस काम में लग चुका है. धर्मेंद्र प्रधान की तरह कई मंत्री लगे हुए हैं, पीयूष गोयल लगे हुए हैं, कई नाम छुपे रुस्तम की तरह भी वहां पर हैं, हमें मालूम है.’
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गहलोत ने कहा,‘... हम किसी की परवाह नहीं कर रहे हैं, हम तो लोकतंत्र की परवाह कर रहे हैं. हमारी लड़ाई किसी से नहीं है. लड़ाई होती है लोकतंत्र में विचारधारा की, नीतियों की, कार्यक्रमों की होती है. लड़ाई ये नहीं होती है कि आप चुनी हुई सरकार को बर्बाद कर दो, उसको गिरा दो, फिर लोकतंत्र कहां बचेगा? हमारी लड़ाई लोकतंत्र को बचाने के लिए है, व्यक्तिगत किसी के खिलाफ नहीं है.’