राजस्थान में मुख्मंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ी जंग में पहला राउंड अशोक गहलोत जीत गए है. कांग्रेस ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से निकाल दिया है. इसके साथ दो अन्य मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है और समर्थक पदाधिकारियों को भी उनके पद से हटा दिया गया. ये सब कुछ यहीं खत्म नहीं हुआ, अब पायलट समेत 19 बागी विधायकों को नोटिस जारी किए गए हैं. बागी विधायकों को 17 जुलाई तक इसका जवाब देना होगा. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो ये मान लिया जाएगा कि कांग्रेस विधायक दल की अपनी सदस्यता को वापस ले रहे हैं.
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क्या कहता है नियम?
दलबदल कानून के तहत दो मामलों में किसी विधायक या सासंद की सदस्यता जा सकती है. अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से पार्टी छोड़ता है तो उसकी सदस्यता खत्म हो जाती है और अगर कोई व्हिप का उल्लंघन करता है, तब भी उसकी विधायकी या सासंदी खत्म हो सकती है. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सचिन पायलट इस वक्त कानूनी राय ले रहे हैं.
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माना जा रहा है कि इस जंग को जीतने के लिए वह कानून का सहारा भी ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि पायलट सभी समर्थक विधायकों के साथ बैठक करेंगे और उन सभी को जारी किए गए नोटिस पर चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.