Rajasthan News: बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत और उनके समर्थकों ने शनिवार को राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विवादास्पद डीएनए टेस्ट वाले बयान पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान, राजकुमार रोत ने अपने हाथ में अपना ब्लड सैंपल ले रखा था, जिससे उन्होंने अपना विरोध प्रकट किया. भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के नेता और उनके समर्थकों ने दिलावर के बयान के खिलाफ उनके आवास तक मार्च किया. हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद उन्होंने अमर जवान ज्योति की तरफ मार्च किया और वहां पर प्रदर्शन जारी रखा. इस दौरान कांग्रेस के विधायक राकेश मीणा भी उनके साथ मौजूद थे.
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दिलावर के खिलाफ नारेबाजी और रोत की प्रतिक्रिया
प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ नारेबाजी की और उनके विवादित बयान की आलोचना की. राजकुमार रोत ने स्पष्ट किया कि अगर उनका ब्लड सैंपल नहीं लिया गया, तो वह इसे संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया जाएगा और प्रधानमंत्री के सामने भी प्रस्तुत किया जाएगा. राजकुमार रोत ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह मामला यहीं नहीं दबाया जा सकता और वे इसे संसद में उठाने के लिए दृढ़ हैं.
पीएम मोदी को सौंपेंगे ब्लड सैंपल
राजकुमार रोत ने जोर देकर कहा कि अगर उनके ब्लड सैंपल को नहीं लिया गया तो वह डीएनए टेस्ट के लिए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे. पुलिस ने स्थिति को शांत कराने के लिए रोत का ब्लड सैंपल इकट्ठा किया और बाद में उसे लौटा दिया. यह घटना 22 जून को शुरू हुई जब दिलावर ने जनजातियों के हिंदू होने की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट का सुझाव दिया था.
दिलावर के बयान का विरोध
राजकुमार रोत ने हाल ही में कहा था कि वह आदिवासी समुदाय से आते हैं और हिंदू धर्म समेत संगठित धर्मों से अलग एक विश्वास प्रणाली से जुड़े हुए हैं. इस पर मदन दिलावर ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि अगर बीएपी के नेता अपने आप को हिंदू नहीं मानते तो उन्हें डीएनए टेस्ट कर देखना चाहिए कि वे हिंदू के बेटे हैं या नहीं. इस बयान ने आदिवासी समुदाय में गहरी नाराजगी पैदा की और इसका परिणाम विरोध प्रदर्शन के रूप में सामने आया.
प्रदर्शन का महत्व और संदेश
आपको बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन ने न केवल दिलावर के बयान की निंदा की बल्कि यह भी दिखाया कि आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों और पहचान के लिए कितना गंभीर है. राजकुमार रोत का ब्लड सैंपल लेकर प्रदर्शन करना एक प्रतीकात्मक कदम था, जो यह दर्शाता है कि वे अपने समुदाय की अस्मिता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. यह प्रदर्शन यह भी संकेत देता है कि आदिवासी समुदाय अपने विश्वास और संस्कृति को लेकर सजग है और किसी भी प्रकार की असंवेदनशील टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगा.
HIGHLIGHTS
- मदन दिलावर और राजकुमार रोत के बीच DNA पर दंगल
- ब्लड सैंपल देने संड़क पर उतरे आदिवासी नेता
- दिलावर के खिलाफ नारेबाजी और रोत की प्रतिक्रिया
Source : News Nation Bureau