जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर कसा तंज, इन नेताओं के बीच है वर्चस्व की लड़ाई

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की घोषणा ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. 'छाया मंत्रिमंडल' का विचार न केवल कांग्रेस के युवा विधायकों को मौका देगा बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर नजर रखने का एक नया तरीका भी पेश करेगा.

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Ritu Sharma
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Rajasthan Political

राजस्थान ( Photo Credit : News Nation )

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Rajasthan Political News: राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द ही 'छाया मंत्रिमंडल' का गठन करेगी और इसमें युवा विधायकों को विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी दी जाएगी. इस कदम का उद्देश्य युवा नेताओं को सरकारी कार्यप्रणाली और विभागों के कामकाज पर नजर रखने का अनुभव प्रदान करना है. टीकाराम जूली ने स्पष्ट किया कि युवा विधायकों को अलग-अलग सरकारी विभागों के कामकाज पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. अगर किसी योजना में बदलाव किया जाता है या कोई गड़बड़ी सामने आती है, तो उसके दस्तावेज़ जुटाकर सबूतों के साथ विधानसभा में उस मुद्दे को उठाया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना और विपक्ष की भूमिका को और मजबूत करना है.

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संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल की प्रतिक्रिया

इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस के भीतर तालमेल की कमी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ''प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच वर्चस्व को लेकर लड़ाई चल रही है. ऐसे में 'छाया मंत्रिमंडल' कितनी सफल होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.'' पटेल ने कांग्रेस के विधायक दल में आपसी संघर्ष की ओर इशारा करते हुए इस पहल की सफलता पर संदेह व्यक्त किया.

कांग्रेस के भीतर की राजनीति

कांग्रेस के भीतर चल रही राजनीतिक खींचतान और वर्चस्व की लड़ाई ने पार्टी के कामकाज को प्रभावित किया है. टीकाराम जूली और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच की खींचतान को लेकर पार्टी में असंतोष और विवाद की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में 'छाया मंत्रिमंडल' का गठन और उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठना स्वाभाविक है.

छाया मंत्रिमंडल की संभावनाएं और चुनौतियां

छाया मंत्रिमंडल का विचार नया और उत्साहजनक है, लेकिन इसे सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कांग्रेस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. सबसे बड़ी चुनौती होगी पार्टी के भीतर तालमेल बिठाना और युवा विधायकों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करना. इसके अलावा, सरकार की योजनाओं और नीतियों की निगरानी करने के लिए विधायकों को प्रशिक्षित करना और उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना भी महत्वपूर्ण होगा.

युवा विधायकों का योगदान

युवा विधायकों को जिम्मेदारी देने से उन्हें सरकारी कामकाज का अनुभव मिलेगा और वे अपनी नेतृत्व क्षमता को भी विकसित कर सकेंगे. इससे न केवल पार्टी को लाभ होगा बल्कि राज्य की जनता को भी एक मजबूत और सक्षम विपक्ष मिलेगा जो सरकार की गलतियों को उजागर करने और सही दिशा में सुधार लाने के लिए तत्पर रहेगा.

HIGHLIGHTS

  • कांग्रेस पर जमकर बरसे जोगाराम पटेल
  • दो नेताओं के बीच है वर्चस्व की लड़ाई
  • विभागों के कामकाज पर नजर

Source : News Nation Bureau

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