राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट मंडरा रहा है. दरअसल सचिन पायलट औऱ अशोक गहलोत के बीच जारी तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है. डिप्टी सीएम सचिन पायलट का आऱोप है कि अशोक गहलोत उन्हें हाशिए पर धकेलना चाहते हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से बात की है और राजस्थान में सियासी हलचल की जानकारी दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सचिन पायलट को ये भी आश्वासन दिया गया है कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.
दरअसल सचिन पायलट इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि उन्हें अपने राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पद के जाने का डर है. सचिन 2014 से ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. 2018 में विधानसभा चुनाव भी उनकी ही अध्यक्षता में लड़ा गया. लेकिन चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया, जिसके बाद से ही राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बयानबाजी का दौर लगातार जारी रहा. सचिन उस वक़्त भी उपमुख्यमंत्री के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहनेकी बात पर ही माने थे.
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अब सचिन को लग रहा है कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी चल रही है. दरअसल अशोक गहलोत इसी बहाने , सचिन को किनारे लगाना चाहते हैं. जिसके बाद उन्होंने पार्टी के आला नेताओं को अपनी नाराजगी का अहसास भी करवाया है. सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन को अध्यक्ष पद पर बनाए रहने के लिए तैयार नहीं है.
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वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि शनिवार देर रात सचिन पायलट वापस लौट गए हैं. बताया जा रहा है कि बीते शनिवार को सचिन पायलट समर्थक 10 से विधायक दिल्ली पहुंचे थे. वहीं विधायकों की खरीद फरोख्त के आऱोप मामले में स्पेशल ग्रुप ने बड़ी कार्रवाई की है. मामले में एसजीओ ने एफआईआर दर्ज की है. इसमें सचिन पायलट की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. बताया ये भी जा रहा है कि सचिन पायलच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करना चाहते थे अहमद पटेल से बात करने के बाद ही वापस लौट आए.