Kirodi Lal Meena Latest News: राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, हालांकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है. शुक्रवार को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और अपने इस्तीफे के पीछे की वजह बताई. वहीं मीणा ने बताया कि जेपी नड्डा ने उन्हें बुलाया था और कुछ महत्वपूर्ण बातें कीं, जिन्हें वह सार्वजनिक नहीं करना चाहते. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपने इस्तीफे पर कायम रहेंगे, तो उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी का है. उन्होंने जनता से वादा किया था कि अगर वह ईस्टर्न राजस्थान की सीटें हार गए तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे. अपने वादे को निभाने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया है. इस्तीफे की एक कॉपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास भी है. नड्डा ने उन्हें 10 दिन बाद फिर से बुलाया है. मीणा ने स्पष्ट किया कि उनका पार्टी के खिलाफ कोई दुराग्रह नहीं है और वह पार्टी की लाइन का पालन करते रहेंगे.
#WATCH | Delhi: After meeting Union Minister JP Nadda, BJP leader Kirodi Lal Meena says, "Nadda Ji called me to meet... I had promised in front of the public that I would leave the position of minister if our party loses seats in Rajasthan... The National President (JP Nadda) has… pic.twitter.com/fPoO8OaxVS
— ANI (@ANI) July 5, 2024
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संगठन और नेतृत्व के प्रति वफादारी
मीणा ने संगठन और मुख्यमंत्री से कोई शिकायत नहीं जताई है और कहा है कि उन्हें सभी का अच्छा प्यार और सहयोग मिला है. उनका कहना है कि उन्होंने इस्तीफा केवल इसलिए दिया क्योंकि उन्होंने जनता से वादा किया था और वे अपने वादे पर कायम रहना चाहते हैं. इस्तीफे के बाद मीणा ने सोशल मीडिया पर अपने विचार भी साझा किए. उन्होंने अपने सोशल मीडिया 'एक्स' अकाउंट पर रामचरितमानस की एक पंक्ति ट्वीट की, ''रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाई पर बचन न जाई,'' जो उनके संकल्प और वचनबद्धता को दर्शाती है.
इस्तीफे के बाद की स्थिति
मीणा को इस्तीफे के बाद भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया था. उन्होंने लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर प्रचार किया था. उनका कहना था कि अगर भाजपा दौसा सीट नहीं जीत पाई तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, भाजपा का प्रदर्शन राजस्थान में पिछले चुनाव की तुलना में उतना अच्छा नहीं रहा और वह कई सीटें हार गई.
मीणा का राजनीतिक भविष्य
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी मीणा के इस्तीफे को स्वीकार करती है या नहीं. मीणा का कहना है कि वह पार्टी की निर्णय को स्वीकार करेंगे और संगठन के प्रति वफादार रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनका इस्तीफा जनता से किए गए वादे को निभाने के लिए है और इसमें कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है. मीणा ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है और वे पार्टी की लाइन का सम्मान करते रहेंगे.
HIGHLIGHTS
- किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा
- इस्तीफे के बाद जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे किरोड़ी लाल मीणा
- राजस्थान में राजनीतिक हलचल
Source : News Nation Bureau