राजस्थान में सड़क हादसे लगातार बढ़ते जा जा रहे हैं, इसमें कई नौजवान अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक राजस्थान में न्यू व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया है. बीते 5 महीने से गहलोत सरकार केंद्र सरकार के न्यू व्हीकल एक्ट को लेकर यह तर्क दे रही है कि भारी-भरकम जुर्माने के साथ इसे लागू करना जनता के साथ अन्याय होगा. मगर जिस तरह न्यू व्हीकल एक्ट 5 महीने बाद भी प्रदेश में लागू नहीं हुआ है, उससे साफ है कि सियासी लाभ हानि के गणित में न्यू व्हीकल एक्ट उलझ कर रह गया है.
दरअसल, कांग्रेस सरकार का यह मानना है अगर न्यू व्हीकल एक्ट को भारी-भरकम जुर्माने के साथ लागू किया तो जनता सरकार से नाराज हो जाएगी. यही वजह रही उपचुनाव के बाद लागू करने की बात करने वाली कांग्रेस ने पंचायती राज चुनावों को देखते हुए न्यू व्हीकल एक्ट प्रदेश में लागू नहीं किया.
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इसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि गहलोतर सरकार आपसी झगड़े में इस तरह उलझी हुई है कि 1 साल बीत जाने के बाद भी प्रदेश में कोई भी नया काम शुरू नहीं हुआ है, जहां तक व्हीकल एक्ट का सवाल है यह सरकार आखिर 5 महीने में भी इसको लागू क्यों नहीं कर पाई. अगर संशोधित जुर्माने राशि के साथ भी लागू करना है तो आखिर इसमें देरी क्यों.
वहीं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक्ट को लेकर इस संबंध में जल्द ही बैठक लेने वाले हैं. इसके बाद इसे लागू किया जाएगा. सिंह ने ये भी कहा, 'केन्द्र की सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में एक भी चालान 100 रुपए का नहीं रखा. एक्ट में भारी भरकम जुर्माने लगा रखे हैं, प्रदेश में केन्द्र के जुर्माने लागू नहीं होंगे, हमने जुर्मानों में कटौती कर राहत दी है. यातायात नियमों की पालना कराने के लिए पुलिस और परिवहन अधिकारी नरम रुख अपनाएं। डंडे के जोर पर नियमों की पालना नहीं कराएं.'
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राजस्थान सरकार केंद्र सरकार के न्यू व्हीकल एक्ट को लेकर जुर्माने का संशोधित प्रारूप प्राप्त कर रही है मगर अब देखना होगा संशोधित जुर्माना राशि के साथ न्यू व्हीकल एक्ट राजस्थान में कब तक लागू होता है.