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राजस्थान : अलवर के अस्पताल में झुलसी मासूम बच्ची की हुई मौत

अस्पताल के एक सूत्र के अनुसार, बच्ची लगभग तीन सप्ताह की थी, और उसे अलवर के सरकारी गीतानंद चिल्ड्रन हॉस्पिटल में 70 प्रतिशत जलने के बाद जयपुर स्थित जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.

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yogesh bhadauriya
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प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

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राजस्थान के अलवर जिले के एक अस्पताल में गंभीर रूप से झुलसी एक नवजात बच्ची ने बुधवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अस्पताल के एक सूत्र के अनुसार, बच्ची लगभग तीन सप्ताह की थी, और उसे अलवर के सरकारी गीतानंद चिल्ड्रन हॉस्पिटल में 70 प्रतिशत जलने के बाद जयपुर स्थित जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उसके माता-पिता ने कहा कि वह सोमवार रात 10.30 बजे तक ठीक थी, जब उन्होंने आखिरी बार उसे देखा था. हालांकि, मंगलवार सुबह उन्हें गीतानंद चिल्ड्रन हॉस्पिटल के अधिकारियों ने एक शॉर्ट सर्किट की घटना की सूचना दी.

शॉर्ट सर्किट की घटना के समय वार्ड में एक दर्जन से अधिक बच्चे थे, जिन्हें तब अन्य वाडरें में स्थानांतरित कर दिया गया था. बच्चों को बचाने के दौरान अस्पताल के दो कर्मचारी भी घायल हो गए. हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि आग लगने के समय वार्ड में कोई स्टाफ उपलब्ध नहीं था और घने धुंए के दिखाई देने के बाद ही कर्मचारी वार्ड में पहुंचे.

घटना के तुरंत बाद, स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया. समिति में संयुक्त निदेशक एस. के. भंडारी सहित बड़े चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए.

वे अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच की. उन्होंने स्टाफ के सदस्यों के बयान भी दर्ज किए और एक रिपोर्ट भी संकलित की, जो अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से घोर अनियमितता दिखाती है. यह रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है. अस्पताल के सूत्रों ने पुष्टि की कि नवजात शिशुओं, जिनकी सांस लेने में तकलीफ हुई, को बेबी वार्मर पर रखा गया. शॉर्ट सर्किट की घटना बेबी वार्मर से हुई, जिसके कारण आग लगी.

रपटों के अनुसार, नवजात के मुंह पर ऑक्सीजन मास्क था, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने आग पकड़ ली थी, जिसके कारण उसका चेहरा बुरी तरह से जल गया. उसे मंगलवार को जयपुर स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां एक दिन बाद उसने दम तोड़ दिया. यह घटना ऐसे समय हुई है जब स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग पहले से ही कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में 91 बच्चों की मौत के लिए आलोचना का सामना कर रहा है.

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बताया गया कि अस्पताल के FBNC में पिछले 1 साल से बंद पड़े थे CCTV कैमरे. वहीं बिजली सप्लाई को ऑटोमेटिक डिस्कनेक्ट करने वाली MCB सीधे वार्मर से जुड़ी नहीं थी. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आधा दर्जन स्टाफ की अनदेखी को बताया घटना का प्रमुख कारण.

Source : PTI

Alwar HOSPITAL Fire in hospital Rajasthan Alwar
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