राजस्थान विधानसभा में आज से शुरू हुआ बजट सत्र का पहला ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. दरअसल विधानसभा के बजट सत्र का सत्रावसान नहीं करके सीधे बैठक बुलाई गई। इन छह महीने के पीरियड में खूब उठापटक हुई, जिसके बारे में बीजेपी विधायक सवाल लगाना चाहते थे, लेकिन नियमानुसार एक सत्र में 100 सवालों का कोटा पूरा हो गया उसे सवाल पूछने से बैन कर दिया। इस पर खुद सीएम अशोक गहलोत ने सफाई देते हुए बड़ा आरोप लगाया की भाजपा की सरकार गिराने की कोशिशों के चलते ही सत्रावासन नहीं किया गया था.
खबर में बताया गया है कि कैसे राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी के चेंबर में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित वरिष्ठ बीजेपी के विधायक हंगामा करते हुए धरने पर बैठ गए हैं. इनकी नाराजगी इस बात को लेकर है की उनके सवाल पूछने के लोकतांत्रिक अधिकारों का आज से शुरू हुए सत्र में हनन हुआ है, लेकिन बात नहीं बनी तो भाजपा विधायकों ने सदन में भी इसी को लेकर हंगामा करते हुए वेल तक आ गए. हंगामे के कारन दो बार कारवाई स्थगित करनी पड़ी भाजपा विधायकों में नाराजगी इस बात की थी, की बजट सत्र का सत्रवासन किए बिना करीब 6 महीने बाद फिर से उसी सत्र को वापस बुला लिया. इस पर सीएम अशोक गहलोत ने भी एक एसी सफाई दी, जिससे सभी सकते में आ गए, गहलोत की माने तो भाजपा राजस्थान सहित देश भर में सरकारें गिराने की कोशिश कर रही है, ऐसे में इस साजिश को नाकाम करने के लिए ही बजट सत्र का सत्रावसान नहीं किया गया था.
Source : Lal Singh Fauzdar