Advertisment

केंद्र सरकार की ओर से 10 बड़े राज्यों के तुलनात्मक अध्ययन में राजस्थान बना अव्वल

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में मृत्युदर 2.16 है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का ही विजन था कि जिस प्रदेश में जीरो टेस्टिंग थी वहां आज 18 हजार 250 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है. जल्द ही 25 हजा

author-image
Ravindra Singh
New Update
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

अशोक गहलोत( Photo Credit : फाइल)

Advertisment

केंद्र सरकार द्वारा 10 राज्यों के तुलनात्मक अध्ययन में राजस्थान हर इंडेक्स में अव्वल रहा है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ रघु शर्मा ने इसका श्रेय मुख्यमंत्री द्वारा की गई माइक्रो प्लानिंग और प्रदेशवासियों की सजगता और सावधानी को दिया है. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर 10 राज्यों द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए किए कार्यों का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की है. इस रिपोर्ट में राजस्थान राज्य शीर्ष पर रहा है. कोरोना वायरस एक्टिव केसेज, रिकवरी केसेज, मृत्यु दर सहित कोरोना की रोकथाम के सभी क्षेत्रों में राजस्थान देश का नंबर वन राज्य पाया गया.

उन्होंने बताया कि पूरे देश में 35 लाख टेस्ट हुए हैं और अकेले राजस्थान में 4 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं. सवाईमानसिंह अस्पताल में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं. प्रदेश में 18 दिनों में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है जबकि देश में यह दर 12 दिन है. इसके कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे जा रहा है. चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में मृत्युदर 2.16 है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का ही विजन था कि जिस प्रदेश में जीरो टेस्टिंग थी वहां आज 18 हजार 250 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है. जल्द ही 25 हजार के लक्ष्य को भी अर्जित कर लिया जाएगा.

सरकार की माइक्रो प्लानिंग के चलते ही कोरोना गांवों में फैलने से बचा
सरकार ने होम, इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर, कोविड केयर सेंटर, कोविड डेडिकेटेड अस्पताल आदि व्यवस्थाओ से संक्रमितों की तादात को रोकने के प्रयास किये जा रहे है. उन्होंने कहा कि प्रदेष की संस्थागत क्वारंटीन सुविधा अव्वल दर्जे की रही है. ग्राम, उपखंड और जिला स्तर पर कमेटी बनाकर जो माइक्रो लेवल पर काम किया उसी का नतीजा रहा कि 11 लाख लोग अहमदाबाद, सूरत, मुंबई जैसे देष के अन्य संक्रमित हिस्सों से गंवों में आए लेकिन संक्रमण उतना नहीं फैल पाया.

पॉजीटिव ग्राफ में आई कमी
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य में पहले कोरोना केसेज का ग्राफ बढ गया था लेकिन अब यह नीचे आ रहा है. प्रदेष में अब लोगों की सावधानी की वजह से संक्रमण बढ नहीं रहा है. अब ग्रामीण लोगों में भी कोरोना को लेकर जागरूकता आने लगी है. उन्होंने कहा कि प्रदेष में हालांकि 2803 एक्टिव केसेज हैं लेकिन इनमें से 2620 प्रवासी कामगार हैं. प्रवासियों को छोड़कर केवल 183 केसेज
वर्तमान में एक्टिव हैं.

प्रदेश में अब कोविड के अलावा स्वास्थ्य कार्यक्रमो पर फोकस
डॉ शर्मा ने कहा कि अब प्रदेष में राष्टीय कार्यक्रम, टीकाकरण, मातृ-षिषु , कैंसर रोकथाम व अन्य कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेष में 550 मोबाइल ओपीडी वैन चलाई गई, जिससे लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं. आमजन को घर बैठे आॅनलाइन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया. जहां हजारों लोग सीधे या ई-मित्र के जरिए परामर्ष और उपचार ले चुके हैं.

प्रदेश के सभी गांवों में लगाए जाएंगे स्वास्थ्य मित्र
उन्होंने कहा कि ‘निरोगी राजस्थान‘ मुख्यमंत्री का सपना था. उनकी मंषा थी प्रदेष का कोई भी व्यक्ति बीमार ही नहीं पड़े. उनका नारा भी पहला सुख निरोगी काया था. इसके लिए 27 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित भी किया गया था लेकिन कोविड के कारण यह आगे नहीं बढ़ पाया. मुख्यमंत्री ने अब इसे दोबारा प्रारंभ करने के निर्देष दिए हैं. अब प्रदेष में 40 हजार से ज्यादा राजस्व गांवों से एक महिला और एक पुरुष को स्वास्थ्य मित्र बनाएंगे और वे प्रदेष में स्वाास्थ्य की अलख जगाने में मददगार साबित होंगे..

Source : Ajay Sharma

central government covid-19 corona-virus rajasthan Gehlot government 10 Big State Comparison
Advertisment
Advertisment
Advertisment