गहलोत-पायलट गुट में अब भी मतभेद, सामने आया नया मामला

राजस्थान में पिछले कई दिन चला सियासी घमासान भले ही टल गया हो लेकिन पायलट गुट और गहलोत गुट के बीच अभी तक सबकुछ ठीक नहीं है

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Aditi Sharma
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Sachin Pilot vs Ashok Gehlot

सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट( Photo Credit : फाइल फोटो)

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राजस्थान में पिछले कई दिन चला सियासी घमासान भले ही टल गया हो लेकिन पायलट गुट और गहलोत गुट के बीच अभी तक सबकुछ ठीक नहीं है. इसी बात का सबूत देते हुए हाल ही में भरतपुर से एक मामला सामने आया. गुरुवार को भरपुर जिले में गहलोत गुट के विधायक के पहुंचने पर पायलट समर्थक लोगों की तरफ से नारेबाजी किए जाने की जानकारी मिली है.

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो गहलोत गुट के विधायक जोगिंद्र सिंह अवाना अपने विधानसभा क्षेत्र नदबाई गए थे. वहां पायलट समरम्छकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इतना ही नहीं अवाना जहां-जहां गए पायलट समर्थक उनके पीछे पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे. अवाना बीएसपी के उन 6 विधायकों में शामिल हैं जो हाल ही में कांग्रेस मैं शामिल हुए हैं. बताया जा रहा है कि गहलोत गुट अवाना को गुर्जर बहुल इलाकों में पायलट के विकल्प के कौर पर पेश करने की कोशिश कर रहा था.

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बता दें, हाल ही में सचिन पायलट का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि सबको साथ लेकर चलना है, सबकी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए, बात नगर निगम चुनाव की ही नहीं है, 3 साल बाद पार्टी को फिर से चुनाव में जाना है, सब मिलकर चलेंगे तो ही सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा,  हम जब विपक्ष में थे तो  21 थे, इसके बावजूद हमने विपक्ष में रहते हुए कई स्थानीय चुनावजीते.  उस समय की सीएम वसुंधरा राजे के क्षेत्रमें भी चुनाव जीते.

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इससे पहले सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि यह पार्टी नेतृत्व को तय करना है कि किसे संगठन में काम करना है और किसे सरकार में काम करना है. पायलट ने हालांकि कहा कि उन्होंने अपने लिए किसी पद की मांग नहीं की है. उन्होंने कहा, पार्टी अध्यक्ष, महासचिव और प्रभारी इंचार्ज, कमेटी के सदस्य सब लोग चर्चा करेंगे कि कहां पर किसको इस्तेमाल करना है यह अंतिम निर्णय पार्टी का होता है कि कौन सत्ता में काम करे और कौन संगठन में काम करे. पायलट को पिछले महीने पार्टी का व्हिप नहीं मानने पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तीन सदस्यीय समिति का गठन हुआ है और वो अपने आप चर्चा करके निर्णय करेगी और सभी मुद्दों को सुलझा लिया जायेगा.

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