मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान ने भी महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर सख्त कानून लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब यहां 15 साल या 15 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार पर फांसी और साथ ही बड़े जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की घोषणा के एक महीने के अंदर गृह विभाग ने नए कानून का मसौदा लगभग तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे विधि विभाग में भेजा जाएगा।
सीआरपीसी और आईपीसी में संशोधन का यह बिल विधानसभा के बजट सत्र में पारित होने की संभावना है। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
बलात्कारियों के खिलाफ ऐसा कठोर कानून लाने वाला राजस्थान देश में मध्य प्रदेश के बाद दूसरा राज्य होगा। एमपी में 12 साल या इससे कम उम्र की बच्चियां इस कानून के दायरे में हैं और राजस्थान में 15 साल उम्र रखी गई है।
राजस्थान में अभी 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार करने पर आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है। लेकिन प्रस्तावित कानून में 15 साल या कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार पर फांसी या कम से कम 14 साल की सख्त सजा या आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है।
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वहीं सामूहिक बलात्कार पर मौजूदा सजा 20 साल की सजा या आजीवन कारावास और जुर्माना मौजूद है। लेकिन प्रस्तावित कानून में 15 साल या कम उम्र की नाबालिग से सामूहिक रेप पर फांसी या न्यूनतम 20 साल या आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान रखा गया है।
देश भर में बलात्कार के मामले देखें तो साल 2016 में (19765) मामले सामने आये है जिसमें से (858) केस सिर्फ राजस्थान में दर्ज हुए है।
साल 2015 के आंकड़ों पर नजर डाले तो (19654) केस में से ( 771 ) राजस्थान में दिखें। 2014 में देश में कुल ( 18661) रेप की घटनाएं हुई ( 906 ) केवल राजस्थान का रहा।
बलात्कार के ये आंकड़े काफी डरावने हैं लेकिन अब देखना होगा कि ये कठोर कानून कितना कारगर साबित होता है।
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Source : News Nation Bureau