राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. यह बहस किसी और ने नहीं, बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने छेड़ी है. मंगलवार को जोधपुर में अशोक गहलोत से एक बार फिर इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं, सचिन पायलट, सीपी जोशी, गिरिजा व्यास यहां तक कि उन्होंने रघु शर्मा का भी नाम गिनाया. इससे पहले भी उन्होंने इस तरह का बयान दिया था, जिससे प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट असहज हो गए थे.
गहलोत ने यह भी कहा, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष् को मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया जाता रहा है. गहलोत ने राम मंदिर के चुनाव मुद्दा बनने पर कहा कि इनलोगों को अब मंदिर याद आ रहा है. राज्यों के चुनाव के बाद पूरा ध्यान इनका मंदिर पर ही होगा, लेकिन तीस साल से इस राम मंदिर के नाम पर राजनीति करने वालों को जनता जान चुकी है. हिंदू इनकी बातें समझ रहा है. इसलिए जनता इनका समर्थन नहीं करेगी. गहलोत ने कहा, राज्य में योगी आदित्यनाथ की सभाओं से कोई असर नहीं होने वाला है. उन्होंने जनता से अपील की कि वे इनकी बातों में न आएं. क्या भाजपा के प्रयास से ध्रुवीकरण नहीं होगा? इस सवाल पर गहलोत ने कहा, हम ध्रुवीकरण नहीं होने देंगे.
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गहलोत ने बताया, प्रदेश कांग्रेस में कई नेताओं के बेटे-बेटियों को इस बार टिकट दिए गए, ऐसे में वैभव गहलोत को टिकट क्यों नहीं दिया गया? इस सवाल पर गहलोत ने कहा, मैं चाहता हूं कि वैभव एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह आगे बढ़ें. एक बेटा आगे बढता है तो पिता को फख्र होता है. गहलोत ने सिलसिलेवार बताया कि जब वे मुख्यमंत्री थे तो वैभव यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन मैंने रोका. मुझे पता था कि मुख्यमंत्री का बेटा है तो लोग जीता देंगे. इसी तरह से प्रदेश महामंत्री की बात आई तो भी मैंने रोका. यूपीए-2 के जब चुनाव थे तो सीपी जोशी ने सवाई माधोपुर से टिकट फाइनल कर दिया था, लेकिन मैने रोका, क्योंकि मुझे कहा गया था कि 25 में से 13 सीट आनी चाहिए. मेरी प्राथमिकता पार्टी थी, इसलिए मैंने टिकट लेने से रेाका. पूरा ध्यान चुनाव पर दिया. बीस सीटें प्रदेश से कांग्रेस ने जीती थी. गहलोत ने कहा कि अब मैने उन्हें छूट दे दी है. वे सक्रिय रूप से राजनीति में काम करें.
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प्रदेश में कांग्रेस के बागियों व बीकानेर प्रकरण पर पूछे गए सवाल पर गहलोत ने कहा, डूडी जी ने यह नहीं कहा था कि वो चुनाव नहीं लडेंगे, उन्होंने यह कहा था कि अब कैसे चुनाव लडेंगे. जब झंवर का टिकट कटा तो वे मीटिंग में थे तो उन्होंने यही कहा था कि अब कैसे होगा? ऐसे तो सब घालमेल हो जाएगा. बीडी कल्ला के टिकट से बीकानेर में हुए प्रदर्शन व विरोध पर गहलोत ने कहा कि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि तक सबकुछ सही हो जाएगा. गहलोत ने सभी बागियों से अपील भी कि वे आलाकमान का फैसला माने. साथ ही उन्होने यह भी कहा कि जिन योग्य व्यक्तियों को टिकट नहीं मिला है, उन्हें आने वाले समय में नई जिम्मेदारी दी जाएगी.
गहलोत ने बताया कि सीबीआई डायरेक्टर मामले में डीआईजी सिन्हा के शपथपत्र में राष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डाभोल व केंद्रीय मंत्री कोयला एवं खनन मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी पर लगे आरोपों पर टिप्पणी करते हुए गहलोत ने कहा कि डाभोल के तो ऐसे बयान के वीडियो देखे हैं. अगर कांग्रेस की सरकार होती तो उन्हें अपना पद खोना पडता.
Source : लाल सिंह फौजदार