Advertisment

राजस्थान में राज्यसभा के रण में अब सरकारी एजेंसियों की एंट्री 

राजस्थान में राज्यसभा के रण में अब सरकारी एजेंसियों की एंट्री हो गई है. दोनों पार्टियां एजेंसियों के सहारे जोड़ तोड़ कर जीत की जुगत में जुटे हैं. कांग्रेस ने एसीबी में परिवाद के बाद निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की है

author-image
Mohit Sharma
New Update
Rajya Sabha Elections 2022

Rajya Sabha Elections 2022( Photo Credit : सांकेतिक ​तस्वीर)

Advertisment

राजस्थान में राज्यसभा के रण में अब सरकारी एजेंसियों की एंट्री हो गई है. दोनों पार्टियां एजेंसियों के सहारे जोड़ तोड़ कर जीत की जुगत में जुटे हैं. कांग्रेस ने एसीबी में परिवाद के बाद निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की है. वहीं भाजपा ने ईडी में शिकायत की है. दोनों ही पार्टियों ने बाड़ेबंदी करा रखी है मगर दोनों ही पार्टियों को भितरघात का डर सता रहा है. पेश है एक रिपोर्ट—राज्यसभा चुनावों को लेकर राजस्थान में गर्मी के साथ ही सियासी पारा भी चढ़ रहा है. दोनों ही पार्टियों ने अपने विधायकों को अपने पाले में रखने के लिए बाड़ेबंदी कर रखी है. कांग्रेस ने उदयपुर में आलीशान होटल में विधायको की बाड़ेबंदी कर रखी है, वहीं भाजपा ने प्रक्षिक्षण के नाम विधायकों को जयपुर में जामडोली में एक रिसॉर्ट में रोक रखा है. हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों के बीच पहले कांग्रेस ने एसीबी और निर्वाचन विभाग को शिकायत दर्ज करवाई. तो वहीं भाजपा ने प्रवर्तन निदेशालय और मुख्य निवार्चन अधिकारी के माध्यम से चुनाव आयोग के पास शिकायत की है.

भाजपा की ओर से की गई इन शिकायतों में प्रवर्तन निदेशालय को भेजे पत्र में कहा गया है कि राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना के तहत कालेधन का उपयोग होगा, जिसको रोका जाना आवश्यक है। इसी तरह चुनाव आयोगसे शिकायत में भी कहा गया है कि राज्य की कांग्रेस सरकार सत्ता का दुरुपयोग करने, विधायकों को प्रताडि़त व प्रभावित करने के लिए आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है और उन्हें हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना नजर आती है। आयोग से हॉर्स ट्रेडिंग में होने वाले कालेधन के उपयोग को रोकने का अनुरोध किया गया है। भाजपा की ओर से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और प्रतिपक्ष के सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने शिकायत दर्ज करवाई है.

भाजपा से पहले कांग्रेस एसीबी तथा राज्य निर्वाचन आयोग में हॉर्स ट्रेडिंग की शिकायत दर्ज चुकी है। कांग्रेस की ओर से राज्य के जलदाय मंत्री एवं सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने शिकायत दी है. वही पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा औऱ उप मुख्यसचेतक महेंद्र चौधरी ने चुनाव आयोग में शिकायत की. सीएम अशोक गहलोत ने कहा जो बीजेपी समर्थित उम्मीदवार बनाए गए हैं, उनको सोचना चाहिए था जब उनके पास संख्या बल नहीं है, तब क्यों उन्होंने ये स्पॉन्सर किया इसके मायने हैं कि हॉर्स ट्रेडिंग करने की मंशा शुरू से ही रही है. इसलिए उन्होंने तीसरा उम्मीदवार खड़ा किया, जबकि उनके पास पूरी मैज्यॉरिटी है नहीं, इसका जवाब उनके पास में नहीं है और उल्टा वो कभी वो ईडी को शिकायत लिखकर भेज रहे हैं. कभी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया में शिकायत कर रहे हैं अब लास्ट मोमेंट पर, चुनाव तो परसों है, तो ये बताता है कि ये जो इनका षड्यंत्र था. वो कामयाब नहीं हुआ और तमाम लोग एकजुट रहे हमारे लोग, हॉर्स ट्रेडिंग में वो फेल हो गए हैं?. इसलिए बौखलाए हुए हैं, मेरा मानना है। 

हम तीनों सीटें जीतेंगे, एकजुट हमारे विधायक हैं और हमें इस बात का गर्व है कि पहले भी जब क्राइसिस आया था तब भी एकजुट रहे थे जबकि लोभ-लालच कितने दिए गए थे, मैं बार-बार क्या बोलूं, तो वो जब सरकार बचाने में साथ थे और कोई लोभ-लालच में आए ही नहीं जबकि करोड़ों में बात हो रही थी. तो ये तो चुनाव हमारे राज्यसभा के चुनाव हैं तो वो कैसे उम्मीद करते थे कि हम लोग इनको तोड़ लेंगे? तो मैं समझता हूं कि ये सोचना चाहिए था की खड़े ही क्यों किया इन्होंने और क्यों ये बात सोची कि हम हॉर्स ट्रेडिंग में कामयाब हो जाएंगे? हमारे जो चीफ व्हिप साहब हैं महेश जोश जी उन्होंने फिर भी आगाह किया एसीबी को, भई आप ध्यान रख लो कि इस प्रकार की हरकतें नहीं हों राजस्थान के अंदर, राजस्थान को बचाओ। इनको हम कहना चाहेंगे, अनावश्यक आप कभी सरकार गिराने का काम करते हो मध्यप्रदेश में, कभी राजस्थान के अंदर, ये परंपरा देश की आजादी के बाद में पहली बार हो रही है, आप विधायकों को तोड़कर, ले जाकर के बैंगलुरु के अंदर, गुरुग्राम के अंदर आप इस प्रकार हरकतें कर रहे हो, सरकार ही गिर जाए, तो डेमोक्रेसी कहां रहेगी? 

Source : Lal Singh Fauzdar

Rajya Sabha elections 2022.
Advertisment
Advertisment