राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर राजस्थान में अब आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. खरीद फरोख्त के आरोपों के बीच नेताओं की जुबान भी फिसल रही है तो वहीं फोन टेपिंग के संगीन आरोप भी लग गए हैं. जहां विपक्ष पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने लोकतंत्र की चीर हरण की तुलना सीता माता के चीर हरण से कर दी तो वहीं RLP ने टेपिंग के जरिये विधायकों को डराने-धमकाने का भी आरोप लगा दिया.
राज्यसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगा रही हैं. एक ओर जहां कांग्रेस सरकार भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा रही है तो वहीं कांग्रेस अब लोकतंत्र को बंदी बनाने का भाजपा पर आरोप लगा रही है. राज्यसभा चुनाव से कांग्रेस के राजस्थान से प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि राज्यसभा चुनावों में प्रजातान्त्रिक बहुमत की जीत होगी प्रजातंत्र का चीर हरण नहीं होगा. मगर इस बीच रणदीप सुरजेवाला की जुबान भी फिसली और लोकतंत्र के चीर हरण की तुलना माता सीता के चीर हरण से कर दी. जबकि इतिहास में चीर हरण की जब बात होती है तो द्रौपदी की ही बात होती है.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हमको यह विश्वास है कि हम तीन प्रत्याशी की चुनाव में प्रजतान्त्रिक बहुमत की जीत होगी. प्रजातंत्र का चीर हरण नहीं होगा. जो धन बल, सत्ता बल, ईडी, सीबी और इनकम टैक्स के भरोसे यहां आए हैं पिछले राज्यसभा की तरह इस बार भी वे मुंह की खाएंगे. सच जीतेगा, प्रजातंत्र जीतेगा, बहुमत जीतेगा, संविधान जीतेगा कानून जीतेगा, नैतिक जीतेगा और झूठ का आवरण पहने जो लोग जिस तरह सीता मैय्या का चीर हरण हुआ था उस तरह प्रजा तंत्र का चीर हरण करना चाहते हैं, लेकिन ये लोग हारेंगे.
उधर राज्यसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. कांग्रेस के सभी समर्थक विधायक उदयपुर से जयपुर शिफ्ट किया जा रहे हैं. इस दौरान अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए जोड़तोड़ की कवायद भी हो रही है तो वहीं एक-दूसरे पर लोकतंत्र की हत्या के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. वहीं, RLP प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने गहलोत सरकार पर फोन टेपिंग के आरोप लगा दिए हैं. RLP संयोजक हनुमान बेनीवाल की मानें तो उनके और उनके विधायकों के फोन टेप किए जा रहे हैं. भाजपा विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल को दिए नोटिस के हवाले से कहा कि गहलोत सरकार विधायकों को लोभ प्रलोभन के साथ डरा धमका भी रही है.
गुरुवार को राज्यसभा के लिए वोटिंग होनी है, लेकिन इस बार राजस्थान में जो सियासत देखने को मिली है उसमें राजनीति की मर्यादा भी तार तार हुई है. न केवल विधायकों की मेहमान नवाजी पर करोड़ों रुपये फूंके गए हैं, जबकि धनबल, भुजबल और सत्ता बल के साथ विधायकों को डराने धमकाने के भी आरोप लगे हैं.
Source : Lal Singh Fauzdar