राजस्थान (Rajasthan) में सियासी संकट (Political Crisis) के बीच सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बागियों को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए कहा है, 'जो लोग गए हैं, उनमें से पता नहीं किन-किन लोगों ने पहली किस्त ली है. कइयों ने पहली किस्त अभी नहीं ली है. जो गए हैं उन्हें वापस आना चाहिए.' जब से राजस्थान में सियासी उठापटक शुरू हुई है, तब से रोजाना दोनों पक्षों की ओर से बयानबाजी तेज हो गई है. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे के नेता एक-दूसरे पर लगातार तीखे हमले कर रहे हैं.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'जब से 14 अगस्त को विधानसभा सत्र की तारीख आई है, विधायकों के पास फोन आने लगे हैं. अब हॉर्स ट्रेडिंग (horse trading) का रेट बढ़ गया है. पहले 10, 15, 25 करोड़ की कीमत थी, अब अनलिमिटेड हो गई है. इस मामले में बीजेपी एक्सपोज हो गई है. हॉर्स ट्रेडिंग के लिए बीजेपी के नेता छिपकर दिल्ली जाते हैं. अगर उनके दिल्ली जाने के पीछ नीयत सही है तो छिप-छिप कर दिल्ली क्यों जा रहे हैं. इस बार हम बीजेपी को एक्सपोज करके रहेंगे.'
गहलोत ने कहा कि विधानसभा सत्र में कोरोना पर चर्चा होगी. इसके अलावा फ्लोर टेस्ट भी होगा. बीजेपी को फासिस्ट बताते हुए गहलोत बोले, राजस्थान देश की राजनीति का टर्निंग पॉइंट बन सकता है, अगर मीडिया साथ दे तो.
अशोक गहलोत से पहले राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सचिन पायलट पर तंज कसते हुए कहा था, सचिन पायलट मेरे खिलाफ बयान दिलवा रहे हैं. जब वे निकर में घूमते थे, तब मैं राजस्थान यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष था. पायलट को पार्टी ने अध्यक्ष बनाकर भेजा तो उनके साथ मैंने भी काम किया लेकिन वे और उनके साथी पार्टी से गद्दारी कर रहे हैं. मैं यहां पैदा हुआ हूं, कभी पार्टी से गद्दारी नहीं करूंगा.
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खाचरियावास ने कहा, मैंने अपने खून पसीने से अपना इतिहास लिखा है. मुझे लड़ना भी आता है और हिसाब-किताब बराबर करना भी आता है. बता दें कि पायलट खेमे के विधायक मुकेश भाकर ने एक वीडियो जारी करके कहा था कि खाचरियावास पायलट की मेहरबानी से ही मंत्री और जिलाध्यक्ष बने हैं.
Source : News Nation Bureau