साल 2020 की शुरुआत में ही 23 फरवरी से लेकर 27 फरवरी तक हुए दिल्ली दंगों (Delhi Riots) पर आधारित पुस्तक को जयपुर के पब्लिशर ने छापने से इंकार कर दिया है इसके बाद इस बात को लेकर देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. जयपुर में पूर्व आईएस और लेखक संजय दीक्षित (Sanjay Dikshit) ने इसका कड़ा विरोध किया है. दीक्षित ने कहा है यह पहली बार है जब पुस्तक के छपने से पहले ही लेफ्टिस्ट लेखकों के दबाव में किसी पब्लिशर ने पुस्तक छापने से इंकार कर दिया है.
संजय दीक्षित ने कहा अब ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पब्लिशर्स का कड़ा विरोध करते हुए दीक्षित ने अपनी पुस्तक को पब्लिशर से वापिस ले लिया है. साथ ही कहा है ये पब्लिशर एक विशेष विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करते आ रहे हैं लेकिन अब यह नही चलेगा. गौरतलब है कि ब्लूम्सबरी ने दिल्ली दंगों पर आधारित पुस्तक को छापने से इंकार कर दिया. हालांकि गरुड़ा प्रकाशन दिल्ली दंगों पर आधारित इस पुस्तक को छाप रहा है.
दिल्ली रॉयट 2020: द अनटोल्ड स्टोरी
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में हुई दिल्ली हिंसा पर आधारित किताब 'दिल्ली रियॉट 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' को लेकर ब्लूम्सबरी इंडिया ने इसे वापस लेने का फैसला लिया. आपको बता दें कि यह किताब इस साल की शुरुआत में 23 फरवरी से लेकर 27 फरवरी तक उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर आधारित थी. बाद में विवादों के चलते ब्लूम्सबरी इंडिया ने इसे नहीं छापने का फैसला कर दिया. पब्लिशर के मुताबिक उनकी जानकारी के बिना किताब के बारे में एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में बीजेपी के नेता और दिल्ली दंगे से पहले भड़काऊ भाषण देने के आरोप झेल रहे कपिल मिश्रा को मुख्य अतिथि बनाया गया था.
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किताब के लोकार्पण में पहुंचे थे कपिल मिश्रा!
शनिवार को इस किताब के लोकार्पण का एक कथित विज्ञापन सामने आया था, जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को दिखाया गया था. इस बात के सामने आने के बाद से ही इस किताब के छपने का सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया. सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं के आने के बाद इस बुक के पब्लिशर ब्लूम्सबरी इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि, फरवरी में हुए दिल्ली दंगे के बारे में वे लोग सितंबर में 'डेल्ही रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' छापने वाले थे, पर लेखकों ने किताब के प्री-लॉन्च कार्यक्रम में ऐसे लोगों को बुलाया, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
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पब्लिशर ने जताया इस बात पर ऐतराज
पब्लिशर ब्लूम्सबरी इंडिया ने कहा कि, हम अभिव्यक्ति की आजादी के हिमायती हैं, लेकिन समाज के प्रति जिम्मेदारी को लेकर भी हम सचेत हैं. वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली दंगों पर आधारित इस पुस्तक के प्रकाशित नहीं होने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. कपिल मिश्रा ने लिखा कि, एक किताब से डर गए अभिव्यक्ति की आज़ादी के फर्जी ठेकेदार, ये किताब छ्प ना जाए, ये किताब कोई पढ़ ना लें, तुम्हारा ये डर इस किताब की जीत हैं, तुम्हारा ये डर हमारी सच्चाई की जीत हैं. उन्होंने कहा कि किताब न छप जाए, इसलिए प्रकाशकों के खिलाफ अभियान चलाया गया.
Source : News Nation Bureau