राजस्थान में सत्ता बचाने में लगी कांग्रेस ने बागी युवा चेहरे सचिन पायलट के खिलाफ बर्खास्तगी का अस्त्र चलाया. हालांकि कांग्रेस की यह कार्रवाई वहां कितनी कारगर होगी, इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, मगर इसका असर दिखने लगा है. सचिन पायलट और बागी विधायकों को अब विधानसभा की सदस्यता जाने का खतरा है. लिहाजा वह पहले ही न्याय पालिका की शरण में जा सकते हैं.
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सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, सचिन पायलट और बागी विधायक जल्द कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि सदस्यता भंग किए जाने से बचाव की रणनीति बन रही है. कुछ विधायक मेल के जरिए भी अपने जवाब भेजेंगे, क्योंकि सबको मानेसर की बाड़ाबंदी तोड़कर एक साथ आने की अनुमति नहीं मिल रही है.
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के गुटों के बीच शह और मात का खेल चल रहा है. खास बात यह है कि दोनों ही पक्ष बाड़ाबंदी में कैद हैं. अब सबकी निगाह पायलट के अगले कदम पर टिकी हुई हैं. जैसे जैसे समय बीत रहा है दोनों पक्षों में विधायकों में टूट की आशंका बढ़ रही है. कल 1 बजे तक 19 बागी विधायकों को विधानसभा के समक्ष अपना पक्ष रखना है.
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गौरतलब है कि सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बाद उन्हें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा चुका है. कांग्रेस द्वारा राजस्थान पीसीसी प्रमुख सचिन पायलट को पद से हटाए जाने के एक दिन बाद पार्टी ने बुधवार को पीसीसी की सभी कार्य समितियों, विभागों और प्रकोष्ठों को भी तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि इसे फिर से गठित किया जा सके. अब उनकी विधायक सदस्यता भी फैसला होना बाकी.
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