पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की वापसी के साथ ही राजस्थान में जारी सियासी घमासान टल चुका है. इस बीच सचिन पायलट का बयान सामने आया है. उनका ये बयान नगर निगम चुनाव को लेकर है जिसमें उन्होंने पार्टी की एकजूटता की ओर संकेत दिया है. उन्होंने कहा है कि सबको साथ लेकर चलना है, सबकी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए, बात नगर निगम चुनाव की ही नहीं है, 3 साल बाद पार्टी को फिर से चुनाव में जाना है, सब मिलकर चलेंगे तो ही सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा, हम जब विपक्ष में थे तो 21 थे, इसके बावजूद हमने विपक्ष में रहते हुए कई स्थानीय चुनावजीते. उस समय की सीएम वसुंधरा राजे के क्षेत्रमें भी चुनाव जीते.
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इससे पहले सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि यह पार्टी नेतृत्व को तय करना है कि किसे संगठन में काम करना है और किसे सरकार में काम करना है. पायलट ने हालांकि कहा कि उन्होंने अपने लिए किसी पद की मांग नहीं की है. उन्होंने कहा, पार्टी अध्यक्ष, महासचिव और प्रभारी इंचार्ज, कमेटी के सदस्य सब लोग चर्चा करेंगे कि कहां पर किसको इस्तेमाल करना है यह अंतिम निर्णय पार्टी का होता है कि कौन सत्ता में काम करे और कौन संगठन में काम करे. पायलट को पिछले महीने पार्टी का व्हिप नहीं मानने पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तीन सदस्यीय समिति का गठन हुआ है और वो अपने आप चर्चा करके निर्णय करेगी और सभी मुद्दों को सुलझा लिया जायेगा.
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उन्होंने कहा, सभी काम पार्टी और सरकार के बीच समन्वय के साथ होना चाहिए. पार्टी अध्यक्ष, महासचिव और प्रभारी इंचार्ज, कमेटी के सदस्य सब लोग चर्चा करेंगे कि कहां पर किसको इस्तेमाल करना है यह अंतिम निर्णय पार्टी का होता है कि कौन सत्ता में काम करे और कौन संगठन में काम करे. कमेटी के माध्यम से सब मामलों पर चर्चा की जायेगी और सब समस्याओं का समाधान भी निकलेगा इसी कमेटी के माध्यम से. टोंक में संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा, सोनिया गांधी ने एक अच्छा निर्णय लिया है. दिल्ली में जब मेरी चर्चा प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से हुई थी तब इस बात पर यह निर्णय लिया गया था कि एआईसीसी स्तर पर एक कमेटी बनेगी और दो दिन दिन में गठन हो जाना दर्शाता है कि एआईसीसी ने गंभीरता से इसे लिया गया है. उन्होंने कहा, मुझे आज किसी पद की लालसा नहीं है.