पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर चल रही चर्चाओं पर कहा है कि राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं है और जो दिखता है वह होता नहीं। ऐसे में इस मामले में जो अफवाहें चल रही है, उन पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए। पायलट ने कहा कहा कि चाहे मैं खुद हूं या राजस्थान का कोई भी नेता हो, हमें पार्टी से जो भी निर्देश मिले उनको हमने पहले भी माना है और आगे भी मानेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अशोक गहलोत सहित कई नेताओं के मना करने के सवाल पर पायलट ने कहा कि मैं समझता हूं कि राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं और जो होता है वह दिखता नहीं। ऐसे में अफवाहों पर जाने की जगह राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा इसे लेकर इंतजार करना चाहिए। सारा चुनाव कार्यक्रम घोषित हो चुका है और 22 तारीख को नोटिफिकेशन हो जाएगा और रिजल्ट सामने आ जाएगा कि कौन अध्यक्ष होगा, लेकिन हम सब जो पार्टी में हैं, चाहे मैं हूं या कोई भी लेकिन जो पार्टी का निर्देश हुआ है हम सब ने लगन और ईमानदारी से उसकी पालना की है। राजस्थान के सभी नेता इस बात को बोल चुके हैं कि जो आलाकमान बोलेगा वह हम करेंगे।
पायलट ने राजस्थान में बढ़ते क्राइम और छात्रसंघ चुनावों में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की हार पर भी सवाल उठाए।एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में अपराध बढ़ने के सवाल पर पायलट ने कहा कि अपराध बढ़ना बहुत चिंताजनक है। दलित,आदिवासी महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ना चिंताजनक है। पूरी सरकार को मिलकर काम करना चाहिए की कैसे कंट्रोल करें। न्याय समय पर मिले। किसी की दलित आदिवासियों पर अत्याचार करने की हिम्मत नहीं हो। ऐसा माहौल बनाना होगा। जब मैं जालोर गया था, तब भी मैंने कहा था कि केवल कानून बना देने से अत्याचार करने वालों में डर नहीं बैठेगा। हमें एक्शन लेकर ऐसा माहौल बनाना पड़ेगा।
छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआई की हार पर चिंता व्यक्त करते हुए पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और एनएसयूआई को इस हार पर मंथन करना चाहिए। इस पर पार्टी में चर्चा हो कि कमी कहां रह गई। चौदह यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई को सफलता नहीं मिली। हम युवाओं की उम्मीद को कैसे पूरा करें, इस पर चिंतन होना चाहिए कि हम क्यों नहीं जीत पाए। युवा हमारे भविष्य की उम्मीद है। इन रिजल्ट पर संगठन और सरकार को मिलकर काम करना चाहिए।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि यह परियोजना भाजपा की लाई हुई थी, केवल राजनीतिक कारणों से केन्द्र ने इसे रोक दिया गया है, यह गलत है। इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिले तो 13 जिलों के लोगों की प्यास बुझेगी, यह केंद्र सरकार को समझना होगा। उन्होंने मांग की कि दस तारीख को जोधपुर में गृह मंत्री अमित शाह एक राजनीतिक कार्यक्रम को संबोधित करने आ रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि अमित शाह राजस्थान की मांग को देखते हुए इस पर कुछ अपनी बात रखेंगे.
Source : News Nation Bureau