Advertisment

सतीश पूनिया ने संभाली राजस्थान बीजेपी की कमान, 17 साल पहली बार ऐसा हुआ कि..

राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष का पद गत 24 जून को मदनलाल सैनी के निधन के बाद ढाई माह से खाली था.

author-image
Drigraj Madheshia
New Update
सतीश पूनिया ने संभाली राजस्थान बीजेपी की कमान, 17 साल पहली बार ऐसा हुआ कि..

सतीश पूनिया (Satish Poonia)( Photo Credit : Twitter)

सतीश पूनिया (Satish Poonia) को पिछले महीने राजस्थान बीजेपी (BJP) की कमान सौंपी गई थी. मंगलवार को उन्‍होंने औपचारिक रूप से अपना पदभार संभाल लिया. राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष का पद गत 24 जून को मदनलाल सैनी के निधन के बाद ढाई माह से खाली था. मूलत: चूरू जिले के निवासी पूनिया का जन्म 20 दिसंबर, 1964 में हुआ था. पूनिया के पिता सुभाषचन्द्र पूनिया चूरू की राजगढ़ पंचायत समिति के प्रधान रहे. बीएससी, एमएससी और लॉ ग्रेजुएट पूनिया ने राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की है.

Advertisment

राजस्थान में बीजेपी (BJP) की कमान सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने संभाल ली. पूनिया के पदभार समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर से लेकर अर्जुनराम मेघवाल थे, लेकिन वसुंधराराजे का नहीं होना एक नई चर्चा को जन्‍म दे दिया. राजे ने समारोह में आने के बजाय़ बधाई की चिट्ठी भिजवा दी. दरअसल पूनिया राजे की पसंद नहीं आरएसएस की पसंद है. पूरे कार्यक्रम में पोस्टर से लेकर नारों में वसुंधराराजे नदारद थी. पूनिया की ताजपोशी राजे के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं.

Advertisment

राजस्थान से हजारों बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता पहुंचे पूनिया के इस पदभार समारोह में पहुंचे, लेकिन मंच पर नेताओं की भीड़ में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे नहीं थी. बीजेपी (BJP) दफ्तर के अंदर और बाहर अधिकतर पोस्टर में भी राजे का चेहरा गायब था. लेकिन समारोह में पहुंची भीड़ के नारे में न ही मंच पर नेताओं के भाषण में राजे का नाम का किसी ने जिक्र किय़ा.

यह भी पढ़ेंः RSS की शाखाओं से निकले ये स्‍वयंसेवक आज भारतीय राजनीति के कोहिनूर, देखें पीएम मोदी से लेकर अमित शाह तक की कहानी

पिछले 17 साल में पहली बार हुआ कि राजस्थान में बीजेपी (BJP) में एक प्रदेश अध्यक्ष का पदभार समारोह या फिर बड़ा कार्यक्रम हो और राजे नहीं हो. अलबत्ता ने राजे ने पूनिया को शुभकामनाओं की एक चिट्ठी भिजवा दी और चिट्ठी में सफाई दी कि उनके घर पर कन्या पूजन कार्यक्रम है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः अब कार-बाइक के लिए मनचाहा नंबर लेना हुआ आसान, जानें किस नंबर के लिए कितना शुल्‍क

दरअसल राजस्थान में वसुंधराराजे अपनी पसंद का अध्यक्ष बनवाना चाहती थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने राजे की पसंद को दरकिनार कर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की पसंद सतीश पूनिया (Satish Poonia) के नाम पर मुहर लगाई..पूनिया पार्टी में राजे विरोधी गुट से के जाने जाते हैं. राजे को किनारे करने का काम लोकसभा चुनाव से ही शुरू गया था,

जब राजस्थान में टिकट प्रकाश जावडे़कर की अगुवाई वाली समन्वय समिति ने बांटे थे, तब राजे को दूर रखा था.

यह भी पढ़ेंः Exclusive: मजदूर से उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष तक, बड़ी दिलचस्‍प है 'लल्‍लू' की कहानी

Advertisment

फिर न केवल केंद्रीय मंत्रीमंडल में राजे विरोधियों  को जगह दी, राजे विरोधी माने जाने वाले ओम बिड़ला को लोकसभा का अध्यक्ष बना दिया. तब से राजे और उनकी टीम को राजस्थान में किनारे किया जा रहा था, लेकिन पूनिया की ताजपोशी के बाद अब राजे और उनके समर्थकों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया.

Source : लालसिंह फ़ौज़दार

Satish Poonia Vasundhra raje Rajasthan BJP
Advertisment
Advertisment