राजस्थान के कोटा और झालावाड़ में बाढ़ ने तबाही मच रखी है. कोटा और झालावाड़ में भारी बाढ़ वाले क्षेत्रों में बचाव अभियान के लिए सेना को बुलाया गया है. वहीं जिला प्रशासन ने खतरे को देखते हुए सोमवार को सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. झालावाड़ जिले में भारी बारिश के बाद मचे जल तांडव से हाहाकार मच गया है. कहीं दर्जनों पेड़ उखड़ गए तो कई कस्बों की पहली मंजिलें तक पानी में डूब गई है. लोगों को जान बचाने के लिए दूसरी मंजिल का सहारा लेना पड़ा.
सबसे भयावह हालात गंगधार ,उन्हेल, मिश्रौली, और पिडावा क्षेत्र में, जहां सीमावर्ती मध्य प्रदेश से जुड़ने वाले सभी मार्ग बंद हो गए. चोमेला कस्बे में दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग की पटरियों के जलमग्न में होने से रेल यातायात भी प्रभावित हो गया है.
वहीं पूर्वांचल में गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के केहरपुर में खतरा बिंदु से एक मीटर ऊपर बह रही गंगा ने रविवार को जमकर तबाही मचाई. गंगा नदि ने पानी टंकी, स्कूल भवन के साथ ही करीब दर्जनभर आशियाने अपने आगोश में ले लिया है. चंद सेकेंड के अंदर एक मकान पूरी तह गंगा की धारा में विलीन हो गया. गंगा एनएच-31 से मात्र पांच सौ मीटर की दूरी पर बह रही है.
गंगा की धार में लोगों के आशियाने उनकी नजरों के सामने समा गए. अचानक शुरू हुए भयंकर कटान के बाद बस्ती मे भगदड़ मच गई. लगभग एक दर्जन मकान भी तेज धार में बह गए. इससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. सुरक्षित ठौर की तलाश में लोगों का पलायन तेज हो गया है. कटान का सिलसिला नहीं थमा तो केहरपुर गांव का अस्तित्व बहुत जल्द समाप्त हो जाएगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो