हजरत हुसैन की याद में अकीदत के फूल पेश करने के लिए जयपुर में 250 साल से निकलते हैं विशेष ताजिये

जयपुर में निकाले जाने वाले खास ताजिये है, जो सोने, चांदी के बने हैं. माहवतान, जुल्हांन, सरायवाले, तोपखाना, सिटी पैलेस से निकलने वाले ताजिये सोने चांदी के बने हैं

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Sushil Kumar
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हजरत हुसैन की याद में अकीदत के फूल पेश करने के लिए जयपुर में 250 साल से निकलते हैं विशेष ताजिये

Special people come out of Jaipur for 250 years to present Akidat

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मुहर्रम माह में हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है. इसलिए जयपुर में बरसों से ताजिये बनाकर उनका प्रदर्शन किया जाता है. बाद में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया जाता है. मुहर्रम का माह करबला में हजरत इमाम हुसैन के अपने परिवार के 72 सदस्यों व साथियों के साथ यजीद की फौज के साथ जंग करते हुए सच की खातिर भूखे प्यासे शहीद हो जाने के कारण जाना जाता है. यही कारण है कि इस माह में मुस्लिम समाज के हर घर में हजरत हुसैन की शहादत को याद किया जाता है.

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उनकी शहादत की याद में अकीदत के फूल पेश करने के लिए जयपुर में ढाई सौ साल से ताजिये निकालने की परम्परा चली आ रही है. जयपुर में ताजियों की खास पहचान है. जयपुर में हिरनवालानं, गिलजार मस्जिद, मच्छजीवालान, पंनिगरानं, हन्दीपुरा, नीलगरान, सिकिगरान, तवायफों वाला ताजिया सहित 400 से अधिक ताजिये निकाले जाते हैं.

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जयपुर में निकाले जाने वाले खास ताजिये है, जो सोने, चांदी के बने हैं. माहवतान, जुल्हांन, सरायवाले, तोपखाना, सिटी पैलेस से निकलने वाले ताजिये सोने चांदी के बने हैं. महवतान का ताजिया पहले जयपुर दरबार से निकालता था. 1868 से यह ताजिया निकल रहा है. इसके बाद कारीगर इसको अपने साथ ले आये तब से महवतान के नाम से निकालता है. तोपखाना में भी सोने-चांदी का ताजिया है. बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है. चीनी बुर्ज का ताजिया, तवायफों के ताजिये बेहद खूबसूरत है.

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