लॉकडाउन के कारण अजमेर में फंसे पश्चिम बंगाल के 1186 जयरीनों को लेकर विशेष ट्रेन सोमवार को रवाना हुई. जिला कलेक्टर कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा और पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने रेलवे स्टेशन पर तालियां बजाकर जयरीनों को रवाना किया. इस ट्रेन के लिए कुल 1188 जयरीनों ने रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमें से 1186 रवाना हुए.
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लॉकडाउन के 40 दिन बाद अजमेर रेलवे स्टेशन से ट्रेन का संचालन हुआ. जिला प्रशासन ने इस संबंध में अधिकारियों को अलग-अलग कार्य सौंपे थे. सुबह से देहली गेट पर जिन जायरीन का रजिस्ट्रेशन हो चुका था, उनकी स्क्रीनिंग करने की शुरुआत की गई. दरगाह बाजार में चार टीमें और रेलवे स्टेशन पर एक मेडिकल टीम मौजूद रही. इसके बाद इन्हें बसों के जरिए रेलवे स्टेश्न तक ले जाया गया. जाने वाले जायरीनों की सुबह छह बजे ही स्क्रीनिंग शुरू हो गई थी. बसों में जायरीन को बिठाने के लिए 10 अध्यापकों की टीम तैनात थी. रेलवे स्टेशन पर जायरीन को मास्क, सैनिटाइजर, पानी की बोतल एवं भोजन के पैकेट दिए गए.
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रेलवे स्टेशन पर ही टिकट वितरण एवं ट्रेनों में बैठाने के लिए 22 अध्यापकों की टीम काम में जुटी रही. इस कार्य के लिए नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल एवं एडीए आयुक्त गौरव अग्रवाल सहित 12 अफसरों को विभिन्न व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने शनिवार को भी जायरीन को अजमेर से पश्चिम बंगाल भेजने के लिए आदेश जारी किए थे, मगर पश्चिम बंगाल सरकार और रेलवे की ओर से ट्रेन की अनुमति नहीं मिलने के कारण ट्रेन नहीं जा पाई थी. अब प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्थाएं कर जायरीन को सोमवार को किया. रविवार को जायरीन को बाहर नहीं बुलाकर गेस्ट हाउस में बीएलओ को भेजकर ही जानकारियां जुटाई गईं. जयरीनों ने रवानानगी से पहले सोशल डिस्टेंसिंग की ध्यान रखा. इसके लिए कर्मचारी उन्हें टोकते-समझाते रहे.
Source : News State